चमोली जिले की भारत-चीन सीमा पर बसी नीति घाटी इन दिनों कड़ाके की ठंड की चपेट में है. यहां का पारा रात में माइनस 20 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला गया है, और दिन में भी सूरज की किरणें सिर्फ़ चमकती हैं पर गर्माहट नहीं देतीं.
पहाड़ों में एक माह से भी अधिक समय से बारिश और बर्फबारी न होने के कारण पूरा पहाड़ इस समय कोरी ठंड का प्रकोप झेल रहा है.
माइनस का टॉर्चर इस कदर दिखाई दे रहा है कि बूंद-बूंद पानी में बढ़ते ठंड की तस्वीर दिखाई दे रही है.
कड़ाके की ठंड के बीच बहते झरनों का पानी में इतना करंट है बावजूद इसके बहते पानी की जो बूंदे पत्थर पर चिपक रही है.
घाटी में सिर्फ पहाड़ी पर ही नहीं बल्कि यहां बहते झरने बहती नदी और बहता पानी भी जमना शुरू हो गया था.
मलारी से नीति तक सड़क के किनारे बहने वाली छोटी-छोटी नदियां और नाले अब क्रिस्टल की चमकदार परत ओढ़ चुके हैं.
कड़ाके की ठंड के बीच यहां नदी नाले झरने गिरता पानी सब कुछ जमकर बर्फ में तब्दील हो गया है. हर तरफ पानी के बर्फ के पहाड़ बन चुके है.
पहाड़ों से गिरते झरने रुक-रुक कर बर्फ की चट्टानें बन गए हैं. बहते झरने अब पूरी तरह जम चुके हैं, और उन पर चढ़ना भी खतरनाक हो गया है.