साल 1992 में आज ही के दिन इतिहास को हिलाकर रख देना वाला एक कांड हुआ. 6 दिसंबर को आज के दिन कारसेवको ने बाबरी मस्जिद गिरा दी, उनका कहना था कि इस स्थान पर राम मंदिर था. इस घटना के बाद देश के कई इलाकों में साप्रदायिक दंगे भड़के और कई लोगों की जान गई. जान माल का भारी नुकसान हुआ.
उत्तर प्रदेश की बाबरी मस्जिद भारत की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक थी. जहीर उद-दीन मुहम्मद बाबर 1526 ई. में पानीपत के पहले युद्ध में दिल्ली सल्तनत के अंतिम वंशज सुल्तान इब्राहीम लोदी को हराकर भारत में एंट्री की थी. इसके साथ ही बाबर ने भारत में मुगल वंश की स्थापना की और यहां एक बड़े पैमाने पर मस्जिदों का निर्माण कराना शुरू कर दिया. इसी क्रम में बाबर ने पानीपत में पहली मस्जिद बनवाई थी. इसके दो साल बाद बाबर ने 1527 में अयोध्या में एक मस्जिद बनवाई, जो बाबरी मस्जिद के नाम से जानी जाती है. कहा जाता है कि इस मस्जिद को बनवाने के लिए बाबर ने एक ऐसी जगह चुनी थी जिसे हिंदू अपने अराध्य श्रीराम का भूमि मानते थे.
बीजेपी के कई बड़े नेताओं के नाम
उस रविवार को हजारों कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद के तीन गुंबदों को ध्वस्त कर दिए. कारसेवक जोर जोर से "मंदिर वहीं बनाएंगे" जैसे नारे लगा रहे थे जिसमें ज्यादातर संघ परिवार से जुड़े लोग थे. साल 2019 में शीर्ष अदालत की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने फैसला सुनाया था कि हिंदू और मुस्लिम दोनों द्वारा दावा की गई 2.77 एकड़ भूमि को मंदिर के निर्माण के लिए एक ट्रस्ट को सौंप दिया जाएगा. आरोपियों में केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी के कई नेता हैं. 32 आरोपियों में पूर्व उपप्रधानमंत्री एल.के. आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह और उमा भारती के साथ, जिन्हें अदालत में उपस्थित होने के लिए कहा गया था. इस साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही बंद कर दी थी.
बाबरी मस्जिद केस की पूरी टाइमलाइन
इसके बाद 22 साल तक बीजेपी पॉवर में नहीं आ सकी. नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद हिंदुत्व की जीत हुई और विकास कैंपन कामयाब हो गया. अगस्त 2020 में पीएम मोदी ने राम जन्म भूमि का भूमि पूजन कर राम मंदिर के निर्माण कार्य को आगे बढ़ाया. इसके ठीक एक महीने बाद यूपी कोर्ट ने बाबरी मस्जिद के सभी आरोपियों को बरी कर दिया.