जामनगर की एक मीटिंग में जो घटना हुई, उसने गुजरात की राजनीति की दिशा बदल दी. आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक गोपाल इटालिया पर जूता फेंकने की शर्मनाक घटना ने साफ दिखा दिया कि गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) की एकता किसके खिलाफ है, आम आदमी पार्टी के खिलाफ है. इस छोटे-से पल ने एक बड़ी सच्चाई पूरे गुजरात और पूरे देश को दिखा दी. यह हमला सिर्फ एक व्यक्ति पर नहीं था, यह हमला उस आवाज पर था जो गुजरात में बीजेपी की गलतियों और भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूती से खड़ी है.
...तो दर्द कांग्रेस को होता है
गोपाल इटालिया बीजेपी की नीतियों पर सीधा सवाल उठाते हैं, लेकिन दर्द कांग्रेस को होता है. यही बताता है कि गुजरात में राजनीति किस मोड़ पर पहुंच चुकी है. AAP के बढ़ते जनसमर्थन ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों को बेचैन कर दिया है. सवाल बीजेपी से पूछो, प्रतिक्रिया कांग्रेस देती है. AAP की लोकप्रियता बढ़े तो दोनों पार्टियां एक-दूसरे की दुश्मन नहीं, बल्कि साझेदार की तरह मैदान में उतर आती हैं. यह वही पुरानी राजनीति है जिसने गुजरात की जनता को सालों तक सिर्फ वादे दिए और मलाई खुद खाई. लेकिन अब हालात बदल रहे हैं.
जनता के सामने AAP ही विकल्प
गुजरात की हवा बदल रही है. लोग यह समझ चुके हैं कि AAP ही वह विकल्प है जो ईमानदारी, व्यवस्था में सुधार और जनता की बात को राजनीति के केंद्र में लाती है. यही वजह है कि AAP के खिलाफ हर तरफ से हमले बढ़ रहे हैं. इतिहास गवाह है, हमले उसी पर होते हैं जो मजबूत हो, जो बढ़ रहा हो, और जो सत्ता की नींव को हिला रहा हो.
AAP के नेता न डरते हैं और न ही झुकते हैं
गोपाल इटालिया पर हुआ हमला बीजेपी-कांग्रेस की घबराहट की निशानी है. दोनों पार्टियां साफ-साफ देख रही हैं कि गुजरात की जनता बदलाव का मन बना चुकी है. AAP की आवाज को रोकने की जितनी कोशिशें होंगी, उतनी ही तेजी से यह आवाज जनता तक पहुंचेगी, क्योंकि AAP के नेता न डरते हैं, न झुकते हैं और न ही गुजरात की जनता अब पुराने खेलों में फंसने वाली है. गुजरात की नई राजनीति का रास्ता साफ है. उस रास्ते पर सबसे आगे खड़ी है आम आदमी पार्टी.