क्या है 26 साल पुराना मामला जिसकी वजह से राज बब्बर को हुई 2 साल की जेल, लगा 8500 रुपये का जुर्माना

राजनेता राज बब्बर को एक लोक सेवक को अपना कर्तव्य निभाने से रोकने के लिए और तीन अन्य अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया था. अदालत ने उन पर ₹8,500 का जुर्माना भी लगाया है.

Raj Babbar
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 07 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 10:33 PM IST
  • हाई कोर्ट में देंगे चुनौती
  • 26 साल पुराना है मामला

लखनऊ की एक अदालत ने 1996 से जुड़े एक मामले में पूर्व सांसद राज बब्बर को दो साल की सजा सुनाई है. अदालत ने उन पर 8500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. राज बब्बर को सरकारी कर्तव्यों में दखल देने और शारीरिक हमले का दोषी पाया गया है. 

क्या है मामला?
बब्बर ने लोकसभा चुनाव के दौरान एक सरकारी अधिकारी के साथ मारपीट की थी. यह घटना 2 मई 1996 की है.चुनाव अधिकारी ने मई 1996 में एक चुनाव के दौरान राज बब्बर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. शिकायत वजीरगंज थाने में दर्ज कराई गई थी. उस समय राज बब्बर समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ रहे थे. फैसला सुनाए जाने के वक्त राज बब्बर कोर्ट रूम में मौजूद थे.

जिस चुनाव अधिकारी पर राज बब्बर ने हमला किया था उसका नाम श्री कृष्ण सिंह राणा है. मारपीट की घटना के बाद श्री कृष्ण सिंह ने वजीरगंज थाने में राज बब्बर और अरविंद यादव समेत कई लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि राज बब्बर अचानक अपने समर्थकों के साथ मतदान केंद्र में घुस गए और इसके बाद उन्होंने वहां मौजूद स्टाफ के साथ मारपीट करने के साथ ही मतदान प्रक्रिया को भी प्रभावित किया.

हाई कोर्ट में देंगे चुनौती
बब्बर के वकीलों ने कहा कि फैसले के खिलाफ अपील दायर करने के लिए उनके पास एक महीने का समय है. हम फैसले को चुनौती देने के लिए उच्च न्यायालय का रुख करेंगे. राज बब्बर 5 साल तक जनता दल के साथ रहने के बाद समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे. इसके बाद 2008 में वो कांग्रेस में शामिल हो गए. उन्होंने 2009 में लोकसभा उपचुनाव में फिरोजाबाद से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को हराया था. उन्हें बाद में यूपी कांग्रेस प्रमुख बनाया गया था, लेकिन 2019 के लोकसभा में पुरानी पार्टी की हार के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. 

 

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