एजेंडा आजतक 2025 के मंच पर असम के मुख्यमंत्री और बीजेपी के फायरब्रांड लीडर हिमंता बिस्वा सरमा ने शिरकत की. सीएम सरमा ने बताया कि मुसलमानों ने मुझे बताया कि आपने मेरी बहुत मदद की है. जरूरत पड़ने पर आपको किडनी दे दूंगा, लेकिन आपको वोट नहीं दूंगा. इसके साथ ही सीएम सरमा ने छात्र-छात्राओं के लिए स्कीम्स को लेकर भी बात की.
3 लाख से ज्यादा साइकिलें दी जा चुकी हैं- सीएम
सीएम हिमंता ने कहा कि 9वीं क्लास से ऊपर के छात्रों को अब तक तीन लाख से ज्यादा साइकिलें दी जा चुकी हैं. सीएम ने कहा कि हमारी ये स्कीम 6-7 साल पुरानी है. जिन छात्रों का रिजल्ट अच्छा आता है, उनको हम स्कूटी भी देते हैं. लड़कियों की पढ़ाई का पूरा खर्च, क्लास 11 से लेकर पोस्ट-ग्रेजुएशन तक सरकार ही उठाती है. इसके अलावा 11वीं-12वीं की छात्राओं को हर महीने एक हजार, डिग्री के दौरान 1250 रुपए और पोस्ट-ग्रेजुएट छात्राओं को 2500 रुपए महीना दिया जाता है. इसके साथ ही एडमिशन फ्री कुछ बी नहीं देना है.
सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं की आर्थिक मदद करते हैं- सरमा
जब सवाल पूछा गया कि बिहार में माना जा रहा है कि 10 हजार बना सीएम नीतीश के लिए चमत्कारी तो आपके भी कोई पाइपलाइन में कोई स्कीम है क्या? इसपर सीएम सरमा ने कहा कि हमारी सेल्फ हेल्प ग्रुप की जो महिलाएं हैं, इनको पहले हम 10 हजार रुपए देते हैं, अगर 10 हजार रुपए वो अच्छा काम के लिए खर्च करते हैं तो दूसरे इंस्टॉलमेंट में 25000 रुपए देते हैं. इसके बाद तीसरे इंस्टॉलमेंट में 50 हजार रुपए देते हैं. उन्होंने कहा कि 3 बच्चे तक ही इस स्कीम का फायदा मिलता है. अगर चौथा बच्चा होता है तो इस स्कीम का फायदा नहीं देते हैं.
'जरूरत पड़ने पर किडनी दे दूंगा, लेकिन वोट नहीं दूंगा...'
सीएम हिमंता ने कहा कि 10 हजार में हमारे जो वोटर हैं, वो उत्साहित होकर वोट देंगे. लेकिन अगर 10 हजार के कारण ही जीतना होता तो मुसलमानों को भी हमें वोट देना चाहिए था. तेजस्वी यादव भी चुनाव जीतना नहीं चाहिए था. बिहार में जो चुनाव जीते, वो नीतीश कुमार की सुशासन और पीएम मोदी का नेतृत्व के लिए है. उसमें 10 हजार एक अलीमेंट होगा. लेकिन सभी को 10 हजार नहीं मिला है. जितने लोगों को पैसा मिला है, उससे दोगुना वोट मिला है तो बाकी लोगों ने हमें वोट क्यों दिया है? इसलिए आप बोल सकते हैं कि इसका एक प्रभाव रहा. लेकिन ये कहना कि 10 हजार के लिए ही वोट दिया. ये ठीक नहीं है. सीएम सरमा ने कहा कि अगर हम असम में एक लाख रुपए भी देंगे तो एक वर्ग हमें वोट नहीं देने वाला है. सीएम ने कहा कि लोगों ने मुझको बताया कि आपने मेरा इतना मदद किया, जरूरत पड़ने पर मैं आपको किडनी दे दूंगा, लेकिन वोट नहीं दूंगा. सीएम ने कहा कि वोट विचारधारा के लिए होता है. खाली स्कीम के लिए नहीं होता है.
ये भी पढ़ें: