उत्तर प्रदेश के आगरा में कड़ाके की ठंड और घने कोहरे ने शुक्रवार की सुबह ताजमहल को पूरी तरह अपनी गिरफ्त में ले लिया. शुक्रवार होने के कारण ताजमहल आम तौर पर पर्यटकों के लिए बंद रहता है, बावजूद इसके देश-विदेश से आए सैलानी ताजमहल की एक झलक पाने की उम्मीद में आगरा पहुंचे.
कोहरे की घनी चादर-
सुबह से ही शहर पर घने कोहरे की चादर तनी रही. शरीर में हड्डियों तक हमला करने वाली ठंड में दृश्यता लगभग शून्य के करीब पहुंच गई. जबकि न्यूनतम तापमान गिरकर 9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था. यह अधिकतम 18 डिग्री दर्ज किया गया. जिससे ताजमहल धुंध में समा गया. ताजमहल परिसर बंद होने के चलते दूर-दराज से आए पर्यटक यमुना पार कछपुरा इलाके एडीए पॉइंट और मेहताब बाग की ओर पहुंच गए, ताकि कम से कम दूर से ही ताजमहल को देख सकें.
कोहरे में लापता हो गया ताज-
घने कोहरे और ठंड की वजह से ताजमहल की असली सौंदर्य नजर नहीं आ सकी. संगमरमर की चमक धुंध में लापता हो गई थी और ताजमहल की जगह सिर्फ उसकी एक ऊंची-सी आउटलाइन दिखाई देती रही. नजर पड़ते ही बस इतना अहसास हो रहा था कि हां, सामने ताजमहल है, लेकिन उसका पूरा स्वरूप आंखों के सामने नहीं था.
ठंड से ठिठुरते पर्यटक घंटों तक धूप निकलने और कोहरा छटने की आस लगाए बैठे रहे, मगर सूरज पूरे दिन नहीं निकला. मायूसी पर्यटकों के चेहरों पर साफ झलकती रही. सैलानी यह कहते नजर आए कि इतनी लंबी यात्रा के बाद भी उन्हें ताजमहल का दीदार नसीब नहीं हो सका.
मौसम की बेरुखी और शुक्रवार की बंदी ने मिलकर पर्यटन गतिविधियों पर असर डाला. अंततः बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक ताजमहल को सिर्फ धुंध की परछाईं में देखकर ही वापस लौट गए. सर्दी और कोहरे के इस कहर ने एक बार फिर आगरा में ताजमहल को आंखों से ओझल कर दिया.
पर्यटकों में छाई निराशा-
पर्यटक राजस्थान से आए अशोक मीना ने कहा कि धुंध के कारण ताजमहल दिखाई नहीं दिया. शुक्रवार होने के कारण ताजमहल बंद है, इसलिए पीछे मेहताब बाग से देखने आये थे, लेकिन पीछे से भी नहीं दिख रहा है. राजस्थान से ही आये एक पर्यटक ने कहा कि इतनी दूर से ताज देखने आये लेकिन कोहरे के कारण देख नहीं पा रहे हैं. उम्मीद है कि शायद थोड़ी धूप खिल आये तो ताजमहल का दीदार कर सके. अन्य पर्यटक ने कहा कि कोहरे के कारण ताजमहल दिख ही नहीं रहा है. उम्मीद है कुछ देर बाद दिखने लगे.
ठंड के प्रकोप को देखते हुए जिला अधिकारी आगरा अरविंद मल्लप्पा बंगड़ी ने क्लास फर्स्ट से 12वीं तक के सभी स्कूल बंद कर दिए हैं. बच्चों के स्वास्थ्य ऊपर कोई विपरीत प्रभाव न पड़े इसलिए जिलाधिकारी ने यह निर्णय लिया है.
(अरविंद शर्मा की रिपोर्ट)
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