एयर इंडिया के विमान हादसे ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. अब इस हादसे का काला सच सामने लाने के लिए ब्लैक बॉक्स को अमेरिका भेजा जा रहा है! जी हां, डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (DFDR) की जांच वॉशिंगटन में नेशनल सेफ्टी ट्रांसपोर्ट बोर्ड (NTSB) के हाई-टेक लैब में होगी. लेकिन क्यों? क्योंकि भारत में इसकी जांच संभव नहीं! यह ब्लैक बॉक्स इतना क्षतिग्रस्त है कि इसके डेटा को निकालना भारत के लिए चुनौती बन गया है.
ब्लैक बॉक्स है हादसे का मूक गवाह
एयर इंडिया की उड़ान AI-171 के क्रैश ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया को सदमे में डाल दिया. इस हादसे में 53 ब्रिटिश नागरिकों सहित कई लोग मारे गए. अब इस हादसे की सच्चाई जानने के लिए सभी की निगाहें ब्लैक बॉक्स पर टिकी हैं. लेकिन यह ब्लैक बॉक्स इतना क्षतिग्रस्त है कि भारत की एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की दिल्ली लैब इसे खोलने में असमर्थ है. AAIB ने पिछले साल अपनी हाई-टेक लैब शुरू की थी, लेकिन इतने भारी नुकसान वाले रिकॉर्डर का डेटा निकालने की तकनीक अभी भारत में उपलब्ध नहीं है.
इसलिए, ब्लैक बॉक्स को वॉशिंगटन भेजा जा रहा है, जहां NTSB की विशेषज्ञ टीम इसकी जांच करेगी. भारतीय अधिकारियों की निगरानी में इसे सुरक्षित ले जाया जाएगा, ताकि डेटा की गोपनीयता और प्रोटोकॉल का पालन हो.
डैमेज हो चुका ब्लैक बॉक्स
ब्लैक बॉक्स, जिसमें डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (DFDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) शामिल हैं, विमान हादसों की सच्चाई उजागर करने का सबसे बड़ा हथियार है. लेकिन इस बार यह इतना क्षतिग्रस्त है कि डेटा निकालना आसान नहीं. NTSB की टीम को मेमोरी बोर्ड को सावधानी से हटाना होगा, ताकि डेटा को और नुकसान न पहुंचे. साथ ही, इलेक्ट्रॉनिक सर्किट की भी जांच की जाएगी, क्योंकि यह संभव है कि सर्किट में खराबी ने डेटा को प्रभावित किया हो.
क्या-क्या है शक के घेरे में?
जांचकर्ता इस हादसे की कई संभावनाओं पर गौर कर रहे हैं. क्या विमान के फ्लैप्स सही ढंग से खुले थे? क्या लैंडिंग गियर समय पर तैनात हुआ? क्या इलेक्ट्रॉनिक फेल्यर ने सिस्टम को धोखा दिया? या फिर फ्यूल कंटैमिनेशन की वजह से इंजन बंद हो गए? ये सवाल जांच का केंद्र बने हुए हैं. बोइंग 787 विमान को मल्टीपल रिडंडेंसी सिस्टम के साथ डिज़ाइन किया गया है, यानी इसके महत्वपूर्ण हिस्से डुप्लिकेट किए गए हैं ताकि कोई एक सिस्टम फेल होने पर भी विमान सुरक्षित उड़ सके. यह विमान सिंगल इंजन पर भी 345 मिनट तक उड़ सकता है. फिर भी, हादसा कैसे हुआ?
टाटा समूह के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा, “यह विमान का रिकॉर्ड पूरी तरह साफ था. हम इस त्रासदी से गहरे दुखी हैं.” वहीं, एयर इंडिया के पूर्व कार्यकारी संजीव कपूर, ने कहा, “एक हादसा और लोग सारा परिप्रेक्ष्य खो देते हैं. एयर इंडिया का ट्रैक रिकॉर्ड मजबूत है.” हादसे के बाद एयर इंडिया ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में 15% कटौती की घोषणा की है, ताकि ऑपरेशंस को स्थिर किया जा सके.
एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने अभी तक इस हादसे की जांच के लिए औपचारिक पैनल गठित नहीं किया है. नियमों के अनुसार, AAIB को एक महीने के भीतर प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपनी होगी. लेकिन ब्लैक बॉक्स के डेटा के बिना यह रिपोर्ट अधूरी रहेगी. इसलिए, NTSB की जांच के नतीजे भारत के लिए बेहद अहम हैं.