इंटरनेशनल रोमिंग चार्ज गलत तरीके से लेने पर कंज्यूमर कोर्ट ने एयरटेल कंपनी पर 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. बेंगलुरु की एक दंपति ने कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.
कस्टमर केयर से सही जवाब नहीं मिला
कस्तूरीनगर निवासी 30 वर्षीय लोकेश संजीव शेट्टी और उनकी पत्नी अनीता राज (26 वर्ष) ने बताया कि उन्होंने 26 अप्रैल, 2018 को मालदीव की यात्रा की और 3 मई, 2018 तक वहा रहे. इस दौरान उन्होंने अपने मोबाइल के सीम में एयरटेल का 149 रुपए का रोमिंग प्लान एक्टिवेट करवाया था. इसके बावजूद उन्हें इंटरनेशनल रोमिंग चार्ज के साथ 1,03,826 रुपए का बिल कंपनी की तरफ से धराया गया. इसके बाद उन्होंने एयरटेल के कस्टमर केयर पर संपर्क किया लेकिन वहां से कोई सही जवाब नहीं मिला.
मुआवजा दिलाने की मांग की
इसके बाद थक-हार कर दंपति ने भारती एयरटेल लिमिटेड के खिलाफ मुकदमा दायर किया. दंपति के वकील ने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, शांतिनगर में दायर ओवरबिलिंग मामले में मुआवजा दिलाने की मांग की. उधर, एयरटेल के वकील ने इस मामले में यह दलील दी बेंगलुरु उपभोक्ता फोरम के पास इस मामले को देखने का अधिकार नहीं है और केस को खारिज करने की मांग की.
फोरम को शिकायतकर्ताओं की याचिका सुनने का है अधिकार
26 अक्टूबर, 2023 को न्यायाधीशों ने कहा कि फोरम को शिकायतकर्ताओं की याचिका सुनने का अधिकार है क्योंकि दूरसंचार की सेवा ग्राहक संरक्षण अधिनियम-2019 में शामिल है. ट्राई के दिशानिर्देशों के अनुसार सिम पैकेज के लिए क्रेडिट सीमा ग्राहक की आवश्यकता के अनुसार पारदर्शी तरीके से तय की जानी चाहिए. जब 70% क्रेडिट सीमा पूरी हो जाए, तो उपयोगकर्ता को सूचित किया जाना चाहिए और एक बार सीमा पूरी हो जाने पर सिम सेवा रोक दी जानी चाहिए.
कंपनी ने नियम का पालन नहीं किया
अदालत ने कहा कि लेकिन एयरटेल ने इस दंपति के मामले में इन सबका पालन नहीं किया. इसके अलावा विस्तृत बिल पेश करने में भी कंपनी विफल रही. कोर्ट ने एयरटेल कंपनी को ग्राहक को मानसिक पीड़ा पहुंचाने के लिए 10,000 रुपए और उनके सेलफोन बिल को सही करने के अलावा उनके अदालती खर्च के लिए 10,000 रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया. अदालत ने टेलीकॉम कंपनी को रोमिंग अवधि के दौरान ग्राहकों के लिए एक सही विस्तृत बिल बनाने का निर्देश दिया.