Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी बिगुल बज चुका है. 243 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में मतदान 6 नवंबर और 11 नवंबर 2025 को होगा. इस बार मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और राजद की अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन (India Alliance) के बीच में है. हालांकि प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज भी जोर-शोर से चुनावी मैदान में है.
घटक दल एक-दूसरे को मात देने में लगे हुए हैं. जनता का भरोसा जीतने के लिए हर कोशिश कर रहे हैं. सभी पार्टियों के नेता लोक लुभावन वादों की बौछार कर रहे हैं. आपको मालूम हो कि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों इस बार पांच बड़े मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे हैं. इस बार सत्ता की जंग में फ्री बिजली व मुफ्त अनाज, रोजगार, पलायन, अपराध और भ्रष्टाचार हैं. पीएम मोदी हों या सीएम नीतीश कुमार सभी अपने भाषण में इन्हीं पांच मुद्दों के इर्द-गिर्द बातें करते हैं. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव हों या राहुल गांधी या प्रशांत किशोर वे भी इन्हीं पांच मुद्दों की बात करते हैं. आइए इन पांचों मुद्दों के बारे में विस्तार से जानते हैं.
किस गठबंधन में कौन से हैं दल
एनडीए में बिहार में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अलावा जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू), लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी), हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा शामिल हैं. नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जनता दल यूनाइटेड बिहार में एनडीए की अगुवा पार्टी है. उधर, महागठबंधन की कमान राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के हाथों में है.
महागठबंधन यानी इंडिया एलायंस में कुल 8 पार्टियां शामिल हैं. इसमें पहले आरजेडी और कांग्रेस के साथ तीन लेफ्ट पार्टियां मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) थीं. मुकेश सहनी की अगुवाई वाली विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी), हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और पशुपति पारस की अगुवाई वाली राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) के आने से महागठबंधन का संख्याबल आठ पहुंच चुका है.
क्या है इस बार विधानसभा चुनाव के प्रमुख मुद्दे
1. फ्री बिजली, मुफ्त अनाज और फ्री इलाज
2. रोजगार
3. पलायन
4. क्राइम
5. भ्रष्टाचार
1. फ्री बिजली, मुफ्त अनाज और फ्री इलाज
बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार फ्री बिजली, मुफ्त अनाज और फ्री इलाज का मुद्दा चाहे एनडीए से जुड़े नेता हों या महागठबंधन से, सभी जोर-शोर से उछाल रहे हैं. एनडीए के नेता कह रहे हैं कि वे मुफ्त बिजली, इलाज, और अनाज जनता को दे रहे हैं, इसलिए इस बार भी उनकी सरकार पक्की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी बिहार में जनसभा को संबोधित करते हैं, तब वह गरीबों को मिलने वाले 5 किलो मुफ्त अनाज और पांच लाख तक का मुफ्त इलाज की बात जरूर करते हैं. सीएम नीतीश कुमार का कहना है कि उनकी सरकार राज्य के 1.86 करोड़ परिवारों को 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली दे रही है.
उद्योग लगाने के लिए मुफ्त में जमीन भी दिए जा रहे हैं. उधर, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव का कहना है कि मुफ्त बिजली वाला आइडिया उनका था लेकिन नीतीश सरकार ने उनकी नकल कर ली है. तेजस्वी का कहना है कि यदि उनकी सरकार मिली तो 125 यूनिट के जगह 200 यूनिट फ्री बिजली का लाभ देंगे. उनका कहना है कि उनकी महागठबंधन की सरकार बनी तो राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था की तस्वीर बदल देंगे. बिहार के लोगों को इलाज कराने के लिए राज्य से कहीं बाहर नहीं जाना पड़ेगा. तेजस्वी माई-बहिन मान योजना के तहत हर महिलाओं को 2500 रुपए प्रतिमाह देने की बात कह रहे हैं. उधर, नीतीश सरकार ने सीएम महिला रोजगार योजना के तहत 1.20 करोड़ महिलाओं के खाते में 10-10 हजार रुपए पहुंचाए हैं. आंगनबाड़ी सेविकाओं, सहायिका के भत्ते में क्रमश: 2000 और 500 रुपए की बढ़ोत्तरी कर दी है.
2. रोजगार
बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार रोजगार भी प्रमुख मुद्दा है. इस चुनाव में सिर्फ एनडीए और महागठबंधन का ही नहीं बल्कि पीके की पार्टी जनसुराज का भी फोकस युवाओं पर है. ऐसे में सभी दल सरकार बनाने पर रोजगार देने का वादा कर रहे हैं. तेजस्वी यादव ने तो अपना सबसे बड़ा दांव चल दिया है. तेजस्वी यादव का कहना है कि यदि उनकी पार्टी के नेतृत्व वाला INDIA गठबंधन बिहार में सत्ता में आता है, तो वह एक ऐसा कानून लाएंगे जिससे राज्य के हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलना सुनिश्चित किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि यह प्रस्तावित कानून नई सरकार बनने के 20 दिनों के भीतर लाया जाएगा. तेजस्वी ने कहा, एनडीए ने 20 साल में युवाओं को नौकरी नहीं दी. हम सत्ता में आने के 20 दिनों के अंदर यह कानून बनाएंगे और 20 महीनों के भीतर इसका लागू होना सुनिश्चित करेंगे. उधर, एनडीए सरकार का कहना है कि उसने अब तक 10 लाख नौकरी और 40 रोजगार बिहार के युवाओं को उपलब्ध करवाए हैं. सीएम नीतीश कुमार ने दावा किया है कि आने वाले पांच साल में बिहार के युवाओं को एक करोड़ नौकरी और रोजगार उपलब्ध करवाएंगे.
3. पलायन
बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार पलायन भी प्रमुख मुद्दा है. इस मुद्दे पर एनडीए और इंडिया गठबंधन तो एक-दूसरे को घेरते ही रहे हैं लेकिन पूरे जोर-शोर से इस मुद्दे को प्रशांत किशोर ने भी उठाया है. प्रशांत किशोर कई जनसभाओं और बैठकों में कह चुके हैं कि बिहार में रोजगार-धंधा की कमी है, इसलिए इस प्रदेश के लोग मजबूरी बस घर-परिवार चलाने के लिए दूसरे राज्यों में पलायन करते हैं. उधर, चुनाव से पहले एनडीए ने अब तक जितनी भी जनसभाएं की हैं, उनमें दावा किया है कि बिहार के लोग अब पलायन नहीं कर रहे हैं. लालू के राज में लोग पलायन करते थे. केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा आरोप लगा चुके हैं कि लगाया था कि लालू-राबड़ी शासनकाल में बिहार में सबसे अधिक पलायन हुए.
पीएम मोदी ने भी अपनी सभाओं में लालू पर बिहार के युवाओं के भविष्य बर्बाद करने का आरोप लगाया था. कहा था कि एनडीए सरकार में बिहार के युवा बाहर नहीं जा रहे हैं.उन्हें अपने प्रदेश में ही रोजगार मिल रहा है. सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को रोजगार करने के लिए मदद कर रही है. आने वाले पांच साल में एक करोड़ नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है. उधर, इंडिया गठबंधन का दावा है कि नीतीश की सरकार में सबसे ज्यादा पलायन हुआ. तेजस्वी यादव का दावा है कि बिहार से करीब तीन करोड़ लोग प्रतिवर्ष पलायन करते हैं और कुछ अनुमानों में यह संख्या पांच करोड़ तक भी बताई जाती है. तेजस्वी यादव ने कहा कि यदि उनकी सरकार बनी तो युवाओं का पलायन नहीं होगा.
4. क्राइम
बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार क्राइम यानी अपराध भी प्रमुख मुद्दा है. एनडीए के नेता कहते हैं कि बिहार में लालू-राबड़ी राज में अपराध का क्या हाल था? किसी से छुपा नहीं है. लोग रात में क्या शाम और दिन में भी घर से बाहर निकलने से डरते थे. कब अपराधी किसी के साथ क्या कर देंगे कहा नहीं जा सकता था. इतना अपराधियों का मनोबल लालू-राबड़ी राज में बढ़ा हुआ था.
बिहार में जब से एनडीए की सरकार बनी है, तब से लालू के जंगलराज का सफाया हो गया है. लोग दिन हो रात आराम से घर से बाहर निकलते हैं. लालू के जंगलराज का उल्लेख पीएम मोदी हों या सीएम नीतीश कुमार अपने भाषण में करते ही करते हैं. उधर, तेजस्वी यादव अपनी सभाओं में दावा करते हैं कि एनडीए सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है. 65000 से अधिक हत्याएं नीतीश सरकार के कार्यकाल में हुईं. बिहार में हर दिन करीब दो सौ राउंड गोलियां चलती हैं. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि बिहार हत्या के मामले में देश के शीर्ष राज्यों में एक है.
5. भ्रष्टाचार
बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार भ्रष्टाचार भी प्रमुख मुद्दा है. एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों से जुड़े नेता भ्रष्टाचार का मुद्दा जोर-शोर से उठा रहे हैं. एनडीए के नेताओं का कहना है कि सीएम नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के मामले पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हैं. महागठबंधन के साथ जब वह थे तो भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ही वह अलग हुए थे और एनडीए में जा मिले थे. उधर, तेजस्वी यादव नीतीश सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा चुके हैं. वह पुल निर्माण से लेकर सड़क निर्माण तक, स्वास्थ्य समेत कई मुद्दों पर सरकार को लगातार घेरते रहे हैं. उन्होंने हाल में ही कुछ अधिकारियों के ठिकानों से काला धन मिलने का मुद्दा भी उठाया था. रही-सही कोर-कसर प्रशांत किशोर पूरी कर रहे हैं.
प्रशांत किशोर एनडीए सरकार के मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगाए हैं. प्रशांत किशोर ने प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, मंत्री जीवेश मिश्रा और मंत्री अशोक चौधरी समेत कई प्रमुख नेताओं को भ्रष्टाचार के मुद्दों पर घेरा है. प्रशांत किशोर का कहना है कि यदि उनकी सरकार बनी तो भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेकेंगे. उधर, नीतीश कुमार का कहना है कि उनके राज में भ्रष्टाचार हो ही नहीं सकता है. यदि खुदा न खास्ते ऐसा कोई करता पकड़ा गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. सत्तारूढ़ गठबंधन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन के बल पर फिर से सरकार बनाने का दावा कर रहा है.