New DGP of Bihar: 15 दिन में शहाबुद्दीन को पहना दी थी हथकड़ी, जानिए बिहार के नए डीजीपी Rajinder Singh Bhatti के किस्से

Rajinder Singh Bhatti: बिहार के नए डीजीपी राजिंदर सिंह भट्टी तेजतर्रार और सख्त अधिकारी हैं. उन्होंने बिहार में गुंडागर्दी खत्म करने में अहम योगदान दिया है. भट्टी ने शहाबुद्दीन, प्रभुनाथ सिंह और दिलीप सिंह जैसे बाहुबलियों के खिलाफ कार्रवाई की थी. IPS राजिंदर भट्टी ने नक्सलियों और रणवीर सेना के खिलाफ भी एक्शन लिया था.

बिहार के नए डीजीपी राजिंदर सिंह भट्टी (Photo/Twitter)
शशिकांत सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 18 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 5:01 PM IST
  • राजिंदर सिंह भट्टी पंजाब के रहने वाले हैं.
  • 15 दिन में शहाबुद्दीन को गिरफ्तार किया था

पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के खिलाफ कार्रवाई से चर्चित तेजतर्रार और कड़क अधिकारी IPS राजविंदर सिंह भट्टी को बिहार का नया डीपीपी बनाया गया है. इसके लिए सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है. डीजीपी संजीव सिंघल का कार्यकाल 19 दिसंबर को खत्म हो रहा है. फिलहाल आरएस भट्टी सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ के पूर्वी कमांड के एडीजी के पद पर तैनात हैं.

कौन हैं आरएस भट्टी-
राजिंदर सिंह भट्टी 1990 बैच के आईपीएस अफसर है. भट्टी मूल रूप से पंजाब के रहने वाले हैं. बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी बाहुबलियों के खिलाफ एक्शन से चर्चित हुए थे. भट्टी लॉ एंड ऑर्डर को बेहतर बनाने के लिए कभी भी समझौता नहीं किया. इसलिए उनकी गिनती कड़क और सख्त अफसरों में की जाती है. फिलहाल वो बीएसएफ में एडीजी के पद पर तैनात हैं.

आरएस भट्टी को बुलाया गया था बिहार-
21 सदी की शुरुआत में हार में बाहुबलियों का बोलबाला था. उनके खिलाफ एक्शन लेने से पुलिसवालों को भी सोचना पड़ता था. उसी वक्त साल 2005 में विधानसभा चुनाव के समय विशेष तौर पर आरएस भट्टी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बिहार भेजा गया था. उनको सीवान में डीआईजी का पद सौंपा गया था. उन दिनों सीवान में शहाबुद्दीन की तूती बोलती थी. साल 2005 में दो बार फरवरी और अक्टूबर में विधानसभा के चुनाव हुए थे. 
अक्टूबर 2005 विधानसभा चुनाव के लिए केजे राव को पर्यवेक्षक बनाया गया था. उन्होंने ही आरएस भट्टी को सीवान के लिए मांगा था. उस समय भट्टी सीबीआई में डीआईजी थे. 

15 दिन में शहाबुद्दीन की गिरफ्तारी-
सीवान में एसपी का पोस्ट था. लेकिन आरएस भट्टी सीबीआई में डीआईजी थे. इसलिए सीवान में एसपी पोस्ट को खत्म किया गया और भट्टी को डीआईजी बनाकर सीवान भेजा गया. चुनाव पर्यवेक्षक केजे राव ने साफ कह दिया था कि शहाबुद्दीन को गिरफ्तार करो. आरएस भट्टी एक्शन में आ गए. सीवान पहुंचते ही स्पेशल टीम बनाई गई और शहाबुद्दीन के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई. सीवान पहुंचने के 15वें दिन शहाबुद्दीन को हथकड़ी पहना दी गई. 

भट्टी की टीम ने किया था गिरफ्तार-
डीआईजी आरएस भट्टी ने 1994 बैच के 5 दारोगा की एक स्पेशल टीम बनाई. इसमें मुजफ्फरपुर के दो और सीवान के 3 दारोगा शामिल थे. इसमें एक महिला दारोगा भी थी. आरएस भट्टी ने इस टीम को शहाबुद्दीन को गिरफ्तार करने का जिम्मा सौंपा. इन अधिकारियों की पहचान छिपाकर इनको सीबीआई के गेस्ट हाउस में ठहराया गया था. साल 2005 का नवंबर का महीना था. महीने के पहले हफ्ते में ही पता चला कि शहाबुद्दीन हरियाणा से रात को दिल्ली आने वाला है. टीम ऑटो से उसके घर पहुंची. पुलिस के आने की भनक लगते ही शहाबुद्दीन भागने लगा. लेकिन अधिकारियों ने उसे दबोच लिया.

प्रभुनाथ सिंह, दीलीप सिंह पर कसा था शिकंजा-
शहाबुद्दीन ही नहीं, आरएस भट्टी ने कई और बाहुबलियों को निशाने पर लिया और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की. भट्टी ने दबंग राजनेता और बाहुबली प्रभुनाथ सिंह पर शिंकजा कसा. इतना ही नहीं, बाहुबली अनंत सिंह के बड़े भाई और पूर्व विधायक दिलीप सिंह के खिलाफ भी भट्टी ने एक्शन लिया. 

रणवीर सेना के खिलाफ लिया था एक्शन-
आरएस भट्टी सिर्फ बाहुबलियों के खिलाफ ही एक्शन लेने के लिए नहीं जाने जाते हैं, बल्कि उन्होंने नक्सलियों और रणवीर सेना के आतंक का भी सामना किया है. जब उनको जहानाबाद का एसपी बनाया गया था, तब रणवीर सेना से उनकी मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में रणवीर सेना के कई सदस्य मारे गए थे.

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