बॉर्डर इलाकों में ब्लैकआउट: घर में हैं तो कैसे करें ब्लैक आउट नियमों को फॉलो, यहां जानिए एक-एक डिटेल

8 मई की रात पाकिस्तान ने जम्मू और पठानकोट पर सुसाइड ड्रोन्स से हमला किया. भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ड्रोन के जरिए लाहौर में पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम तबाह कर दिया. इससे पहले बुधवार-गुरुवार की रात पाकिस्तान ने भारत के 15 से ज्यादा सैन्य ठिकानों पर हमले की नापाक कोशिश की थी, लेकिन भारत ने रूस से मिले एस-400 डिफेंस सिस्टम के जरिए इस हमले को नाकाम कर दिया.

Blackout
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 09 मई 2025,
  • अपडेटेड 12:59 PM IST
  • जम्मू में जोरदार धमाके और ब्लैकआउट
  • ब्लैकआउट क्या होता है?

8 मई की रात पाकिस्तान ने जम्मू और पठानकोट पर सुसाइड ड्रोन्स से हमला किया. भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ड्रोन के जरिए लाहौर में पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम तबाह कर दिया. इससे पहले बुधवार-गुरुवार की रात पाकिस्तान ने भारत के 15 से ज्यादा सैन्य ठिकानों पर हमले की नापाक कोशिश की थी, लेकिन भारत ने रूस से मिले एस-400 डिफेंस सिस्टम के जरिए इस हमले को नाकाम कर दिया.

जम्मू में जोरदार धमाके और ब्लैकआउट
गुरुवार शाम करीब 9 बजे जम्मू शहर में तेज धमाकों की आवाजें सुनाई दीं, जिसके बाद साइरनों की आवाज और कंप्लीट ब्लैकआउट किया गया. जम्मू-कश्मीर के बॉर्डर एरिया के साथ ही पंजाब के चंडीगढ़, फिरोजपुर, मोहाली और गुरदासपुर में ब्लैकआउट घोषित कर दिया गया है. राजस्थान और गुजरात के बॉर्डर इलाकों में भी ब्लैकआउट कर दिया गया है. जम्मू के कई हिस्सों में मोबाइल सेवाएं प्रभावित हो गईं, जिससे लोग अपने रिश्तेदारों से कॉन्टैक्ट नहीं कर पाए.

रक्षा मंत्रालय और पुरालेख विभाग की रिपोर्ट में 1971 के युद्ध के दौरान ब्लैकआउट के नियमों का जिक्र किया गया है.

ब्लैकआउट क्या होता है?
ब्लैकआउट में शहर या इलाकों की सभी प्रकार की लाइट्स को बंद कर दिया जाता है. इसका मकसद होता है दुश्मन के लड़ाकू विमानों और ड्रोन को नागरिक और संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करने से रोकना. जब किसी क्षेत्र में पूरी तरह से ब्लैक आउट कर दिया जाता है, तो दुश्मनों को हमला करने या टारगेट की पहचान करने में मुश्किल आती है और हवाई हमलों की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है.

अगर आप घर के अंदर हैं तो कैसे ब्लैक आउट नियमों को फॉलो करें

  • ब्लैकआउट के दौरान सभी घरों की खिड़कियों और दरवाजों को रात में भारी पर्दों या कार्ड बोर्ड से ढंकना जरूरी होता है ताकि कोई भी रोशनी बाहर न निकले.

  • छत या खुले स्थानों पर रोशनी बिल्कुल नहीं जलनी चाहिए. 

  • अगर टॉर्च या मोबाइल फ्लैशलाइट का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उस पर काला कागज या कपड़ा लपेट लें ताकि तेज रोशनी बाहर न निकले.

  • अगर किसी जरूरी काम के लिए गाड़ी चलाना जरूरी हो तो उसकी हेडलाइट को काले कागज या कपड़े से ढक दिया जाता है ताकि रोशनी बाहर न जाए.

  • युद्ध के दौरान ब्लैकआउट नियमों का पालन करना बहुत ही जरूरी हो जाता है. ऐसा न करने पर पूरे क्षेत्र की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है.

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