इमरान खान के पैर में फंसी गोली, 17 साल तक ये भारतीय लीडर बुलेट के साथ जीता रहा जिंदगी

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर दिन-दहाड़े गोली चला दी गई. वैसे को उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है, लेकिन गोली का एक टुकड़ा उनकी टांग में अभी भी फंसा है. इसी तरह दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री गोपाल राय की भी गर्दन में 17 साल गोली का टुकड़ा फंसा था.

गोपाल राय
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 04 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:31 PM IST
  • कॉलेज के समय में लगी थी गोली
  • क्यों मारी गई थी गोली

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के पैर में गोली लगने के बाद उनकी हालत स्थिर बनी हुई है. लेकिन उनके समर्थक अभी भी उनको लेकर चिंता में है, क्योंकि गोली का टुकड़ा अभी भी इमरान की टांग में फंसा हुआ है. डॉक्टर उनकी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं, और फिलहाल उन्हें खतरे से बाहर बता रहे हैं. कई बार ये शरीर में फंसी गोली को निकालने में काफी समय लग जाता है. पाकिस्तान के इमरान खान के अलावा भारत में दिल्ली के परिवहन मंत्री भी एक ऐसे शख्स हैं, जिनके शरीर में 17 साल तक गोली फंसी थी, और उन्होंने 2016 में अपोलो अस्पताल में इसका ऑपरेशन करवाया. बता दें कि 1999 में उन्हें गोली लगी थी. 

कॉलेज के समय में लगी थी गोली
लखनऊ में गोपाल राय के सहयोगी रहे छात्र नेता उपेंद्र राय ने बताया कि उन्हें आज भी अच्छे से याद है. 18 जनवरी, 1999 को कैंपस के अंदर ही गोपाल राय को गोली मारी गई थी. साइंस डिपार्टमेंट के पास हुई इस घटना में गोली गोपाल राय की गर्दन की हड्डी में फंस गई. इससे उनके इस हिस्से में पक्षाघात भी हुआ. इस हादसे के बाद वो करीब डेढ़ साल तक वह केजीएमयू और फिर एक साल टूडियागंज होम्योपैथी कॉलेज में भर्ती भी रहे.

क्यों मारी गई थी गोली
ये हमला उस समय कैंपस में मौजूद अपराधियों के खिलाफ उनके विरोध की वजह से हुआ था. घटना में कुछ ही दिन पहले लखनऊ विश्वविद्यालय के तिलक हॉस्टल में कमरा आवंटन में गड़बड़ियों के मामले में गोली कांड भी हुआ था. जिस दौरान गोपाल राय विरोध दर्ज कराने पहुंचे थे. गोपाल राय उस समय एलयू में समाजशास्त्र से पीजी कर रहे थे. वो हबीबुल्लाह हॉस्टल के कमरा नंबर 91 में रहते थे. यह हॉस्टल हमेशा ही एलयू की छात्र राजनीति का गढ़ माना जाता रहा है.

 

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