केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन को लेकर अहम निर्णय लिया है. तय किया गया है कि इस महत्वाकांक्षी योजना की मौजूदा खामियों और गड़बड़ियों को दूर करने के बाद ही 2028 तक इसे पूरा करने के लिए शेष राशि जारी की जाएगी.
योजना की समयसीमा और बजट
मूल रूप से यह योजना 2024 तक पूरी करने का लक्ष्य थी, लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने इस साल बजट भाषण में इसे 2028 तक बढ़ाने की घोषणा की थी. इसका उद्देश्य देशभर के 100 प्रतिशत घरों में नल से जल उपलब्ध कराना है. इसके लिए वित्त वर्ष 2025-26 में 67,000 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है.
उच्चस्तरीय बैठक में हुई समीक्षा
बीते दिन हुई बैठक में मिशन की प्रगति की समीक्षा की गई. चर्चा में उन 100 विशेष टीमों की प्रारंभिक रिपोर्ट पर भी विस्तार से बात हुई, जिन्हें योजना की जांच के लिए मई में गठित किया गया था.
रिपोर्ट में कई खामियां सामने आईं:
जांच का दायरा और उद्देश्य
ताजा आंकड़ों के अनुसार, मिशन का लगभग 81 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया जा चुका है. पंजाब, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश सहित 11 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश 100 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर चुके हैं. वहीं विपक्ष शासित केरल, झारखंड, पश्चिम बंगाल और एनडीए शासित राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश में प्रगति धीमी रही.
आगे की दिशा
सूत्रों के अनुसार, मोदी सरकार का यह फैसला मिशन को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है. आने वाली विस्तृत जांच रिपोर्ट से न केवल कमियों को दूर करने में मदद मिलेगी, बल्कि परियोजनाओं की रफ्तार भी बढ़ाई जा सकेगी.
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