पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को चंडीगढ़ निवास पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मनुष्यों और पशुओं में बीमारियां फैलने से रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की.
सीएम मान ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाढ़ प्रभावित जिलों में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं और इलाज के मामले में राहत देने के लिए किए जा रहे प्रयासों को और तेज किया जाए. इसके साथ ही खेतों और गांवों के आसपास से गंदे पानी की निकासी सुनिश्चित करने के लिए कहा. सीएम मान ने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में लोगों को राहत पहुंचाना समय की सबसे बड़ी ज़रूरत है, जिसके लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है.
पानी की नियमित आधार पर करें टेस्टिंग
पशुपालन विभाग ने अब तक 14780 पशुओं का इलाज और 48535 पशुओं का मुफ्त टीकाकरण किया है. बाढ़ में मारे गए पशुओं को सुरक्षित और वैज्ञानिक ढंग से निपटारा सुनिश्चित किया जा रहा है ताकि बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए मिट्टी और पानी को दूषित होने से बचाया जा सके. सीएम मान ने बेहतर अंतर-विभागीय समन्वय की वकालत करते हुए कहा कि इस संकट की घड़ी में लोगों को राहत पहुंचाना समय की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पानी की नियमित आधार पर टेस्टिंग और क्लोरीनेशन सुनिश्चित करना चाहिए.
इतने लोगों की हो चुकी है स्वास्थ्य जांच
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बुखार, दस्त और चर्मी रोग फैला हुआ है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लगाए गए मेडिकल कैंपों में 1.50 लाख से अधिक लोगों की जांच की जा चुकी है. वहीं, राहत वाली बात यह हैं कि अभी तक राज्य के किसी भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से महामारी की कोई खबर नहीं आई है.
स्वास्थ्य किट की गई है वितरित
बैठक में मुख्यमंत्री मान को बताया गया कि सभी प्रभावित 2303 गांवों में तीन दिनों के दौरान मेडिकल जांच शिविर लगाए गए हैं. आशा कार्यकर्ता अपने गांव के प्रत्येक घर में जा रही है और अब तक लगभग 2.47 लाख घरों तक पहुंच स्थापित की जा चुकी है. लोगों को स्वास्थ्य किट वितरित की गई हैं, जिनमें ओआरएस, मच्छर मारने की दवा, पैरासिटामोल, सिट्राज़िन, क्लोरीन की गोलियां, साबुन और अन्य बुनियादी चिकित्सा सहायता सामग्री शामिल है. इसका लक्ष्य 20 सितंबर 2025 तक प्रत्येक घर तक पहुंचना है.राज्य के सभी गांवों को कवर करने के उद्देश्य से 21 दिनों तक फॉगिंग और मच्छरों को नियंत्रित करने के लिए अभियान शुरू किया गया है. आज पंजाब के गांवों में सिर्फ दवाइयां नहीं पहुंच रही हैं, बल्कि यह संदेश भी जा रहा है कि सरकार जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटती. मान सरकार का यह हेल्थ मिशन अब जनता के भरोसे का प्रतीक बन गया है.