पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने त्योहारों के सीजन में प्रदेश की जनता को शुक्रवार को बड़ा तोहफा दिया. उन्होंने 4,150.42 करोड़ रुपए की लागत से राज्य में 19,491.56 किलोमीटर ग्रामीण लिंक सड़कों की मरम्मत और उन्नयन के लिए विशाल प्रोजेक्ट की शुरुआत की.
तरनतारन की पवित्र धरती को किया नमन
इक्ट्ठ को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने तरनतारन की पवित्र धरती को नमन किया, जिसे पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जन देव जी, नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी और बाबा बुढ़ा जी के चरण स्पर्श प्राप्त हैं. उन्होंने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है, विशेषकर पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए क्योंकि आज से ग्रामीण लिंक सड़कों की मरम्मत और नवीनीकरण का कार्य आरंभ किया जा रहा है. भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब सरकार ने एक और ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिसके अंतर्गत अब इन लिंक सड़कों की मरम्मत के साथ-साथ अगले पांच वर्षों तक ठेकेदारों द्वारा उनकी देखरेख भी सुनिश्चित की जाएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में कुल 30,237 लिंक सड़कें हैं, जिनकी कुल लंबाई 64,878 किलोमीटर है. इनमें से 33,492 किलोमीटर पंजाब मंडी बोर्ड के अधीन हैं और 31,386 किलोमीटर सड़कें लोक निर्माण विभाग (पीडब्लयूडी) के अधीन हैं. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार अब 19,491.56 किलोमीटर लंबाई वाली 7,373 लिंक सड़कों की मरम्मत और उन्नयन का प्रोजेक्ट शुरू कर रही है. इस प्रोजेक्ट पर 4,150.42 करोड़ रुपए की लागत आएगी. इसमें पांच वर्षों की देखरेख शामिल है. इसमें से 3,424.67 करोड़ रुपए मरम्मत और उन्नयन पर खर्च होंगे और 725.75 करोड़ रुपए पांच साल की देखभाल पर खर्च होंगे.
सारा कार्य होगा पारदर्शी ढंग से
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि इन सड़कों की मरम्मत और उन्नयन के लिए ई-टेंडरिंग प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और सारा कार्य पारदर्शी ढंग से होगा. उन्होंने बताया कि इन सड़कों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सर्वेक्षण करवाया गया था, जिसके परिणामस्वरूप 383.53 करोड़ रुपए की बचत हुई. मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए पहली बार सड़क बुनियादी ढांचा विकास बैठक आयोजित की गई.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बैठक में मंडी बोर्ड के अधिकारी, ठेकेदार और अन्य हितधारक शामिल हुए और सभी ठेकेदारों और एजेंसियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि लिंक सड़क प्रोजैक्ट में गुणवत्ता के साथ कोई समझौता ना किया जाए. हर हालत में उचित देखभाल किया जाए. धुंध या अंधेरे में जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 91.83 करोड़ रुपए की लागत से विशेष सड़क सुरक्षा प्रोजेक्ट लागू किया जाएगा. भगवंत सिंह मान ने कहा कि धुंध या अंधेरे के दौरान यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए लिंक सड़कों के दोनों तरफ तीन इंच चौड़ी सफेद पट्टी पेंट की जाएगी.
सभी लिंक सड़कों पर हर दो किलोमीटर बाद लगाए जाएंगे साइन बोर्ड
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि स्कूलों या लिंक सड़कों के साथ स्थित सार्वजनिक इक्ट्ठ वाले क्षेत्रों के नजदीक चालकों को सचेत करने और बच्चों पर पैदल चलने वालों की सुरक्षा यकीनी बनाने के लिए स्कूल के फाटकों और सार्वजनिक क्षेत्रों के दोनों तरफ जैबरा क्रासिंगों को चिह्नत किया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार सभी लिंक सड़कों पर हर दो किलोमीटर बाद साइन बोर्ड लगाए जाएंगे. भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह बोर्ड सड़क का नाम, लंबाई, सड़क बनाने वाली एजेंसी और सड़क बारे अन्य महत्वपूर्ण जानकारी दिखाऐंगे जिससे व्यवस्था में और ज्यादा पारदर्शिता यकीनी बनाई जा सके।
सीएम मान ने कहा कि इस मुहिम का मुख्य उद्देश्य लोगों को सुविधा प्रदान करना है क्योंकि यह लिंक सड़कें लोगों तक वस्तुएं और सेवाओं की पहुंच और सुचारू यातायात के लिए प्रेरक के तौर पर काम करती हैं. उन्होंने कहा कि यह लिंक सड़कें राज्य में आर्थिक विकास की रीढ़ की हड्डी हैं क्योंकि यह एक तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को आने-जाने में मदद करती हैं और दूसरी तरफ़ व्यापार और कारोबार को बढ़ावा देती हैं. भगवंत सिंह मान ने पंजाब मंडी बोर्ड और लोक निर्माण विभाग को काम की उच्च गुणवत्ता यकीनी बनाने के साथ-साथ यह यकीनी बनाने के लिए कहा कि इस प्रोजैक्ट के लिए अलाट किए गए एक-एक पैसे का तर्कसंगत तरीके से प्रयोग हो.
रिवायती राजनैतिक पार्टियों से उठ गया है लोगों का विश्वास
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि आम आदमी को अपनी उपभोग की हरेक वस्तु पर टैक्स देना पड़ता है परन्तु ‘राजे’ और बड़े नेता इससे अनजान हैं. उन्होंने कहा कि इन नेताओं को पंजाब, पंजाबियों और पंजाबी भाषा के बारे में अल्प जानकारी है क्योंकि वह पहाड़ों में स्थित स्कूलों में पढ़े हुए हैं. भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन नेताओं को आम आदमी की कोई चिंता नहीं है और उन्होंने हमेशा अपने निजी हितों को प्राथमिकता दी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि रिवायती राजनैतिक पार्टियां उनसे ईर्ष्या करती हैं क्योंकि उनको यह हजम नहीं हो रहा कि साधारण घर का पुत्र राज्य का शासन अच्छे ढंग के साथ चला रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों का रिवायती राजनैतिक पार्टियों से विश्वास उठ गया है क्योंकि इन पार्टियों ने हमेशा जन विरोधी और पंजाब विरोधी स्टैंड लिए हैं. भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के बुद्धिमान और बहादुर लोगों ने साल 2022 के विधानसभा मतदान के दौरान इन पार्टियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था, जिस कारण यह अब बौखलाए हुए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नौजवानों को नशों की दलदल में धकेल कर नस्लकुशी के लिए ज़िम्मेदार ‘जरनैलों’ के साथ राज्य सरकार कोई रहम नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि नशों के कारोबार को सरप्रस्ती देने वाले जरनैलों को पहले ही सलाखें के पीछे भेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह नेता न सिर्फ़ राज्य भर में नशों के कारोबार को सरप्रस्ती देते थे, बल्कि दुख इस बात का है कि वह अपनी सरकारी गाड़ियों में नशा बेचते और स्पलाई भी करते थे. भगवंत सिंह मान ने कहा कि पहले किसी ने भी इन रसूखवान नेताओं को गिरफ़्तार करने की हिम्मत नहीं की थी, परन्तु अब उनकी सरकार ने यह जुअर्रत की है और इन लोगों को अपने पापों की कीमत चुकानी पड़ेगी.
बाढ़ के कहर से राज्य को हुआ है बहुत बड़ा नुकसान
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि राज्य सरकार के अथक यत्नों स्वरूप पंजाब पहले ही सरपलस्स बिजली वाला राज्य बन चुका है. भगवंत सिंह मान ने दुख प्रकट किया कि बाढ़ के कहर ने राज्य का बहुत बड़ा नुकसान किया है. उन्होंने कहा कि बाढ़ से 2300 से अधिक गांव डूब गए हैं, 20 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और पांच लाख एकड़ ज़मीन में लगी फसलें तबाह हुई हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 60 जानें गई हैं, जो बहुत दुखदायक बात है. सात लाख लोग बेघर हो गए हैं. इसके इलावा 3200 सरकारी स्कूलों को नुकसान पहुंचा है. 19 कालेज मलबे में बदल गए हैं, 1400 क्लीनिक और हस्पताल बर्बाद हो गए हैं, 8500 किलोमीटर सड़कें तबाह हो गई हैं और 2500 पुल और पुलियां ढह गए हैं. भगवंत सिंह मान ने कहा कि शुरुआती अनुमानों के अनुसार कुल नुकसान लगभग 13,800 करोड़ रुपए के हुए हैं. हालांकि असली संख्या इससे भी अधिक हो सकता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों को हुए एक-एक पैसो के नुकसान की भरपाई करेगी और किसानों को फ़सल के नुकसान के लिए 20,000 रुपए प्रति एकड़ दिए जाएंगे, जो कि देश में सबसे अधिक होगा.
सुखबीर सिंह बादल पर बरसे सीएम मान
बेबुनियाद बयान देने के लिए शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल पर बरसते हुए मुख्यमंत्री मान ने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब लोग पूर्व उप मुख्यमंत्री की अस्थिर पहुंच के लिए उसपर पत्थर फेंकेंगे. उन्होंने कहा कि अकाली दल का प्रधान अब बड़े दावे कर रहा है कि दरियाओं के आसपास कंक्रीट की दीवारें बनाईं जाएंगी, जबकि सत्य यह है कि उन्होंने अपने लम्बे कुशासन के दौरान गलियां भी नहीं बनाईं. भगवंत सिंह मान ने कहा कि अकाली प्रमुख गलत तरीकों से कमाए पैसे लोगों को बांट रहा है और ज़्यादातर गांवों में फंड कुछेक व्यक्तियों को बार-बार बांट कर लोगों को गुमराह कर रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लोगों ने हर पांच सालों के बाद बारो-बारी सत्ता में आ कर लूट करने वाली राजनैतिक पार्टियों को सत्ता के गलियारों में से उखेड़ कर फेंक दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार को लोगों ने उनकी सेवा करने का मौका दिया है और वह उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए सख़्त मेहनत कर रहे हैं. भगवंत सिंह मान ने कहा कि विरोधी नेता अपना दिन सिर्फ़ उनकी आलोचना के साथ शुरू करते हैं क्योंकि वह उनकी सरकार द्वारा लिए गए जन हितैषी फ़ैसलों से जलन करते हैं.
केंद्र सरकार की आलोचना
इस संकट की घड़ी में भी राज्य की मांगों को ठंडे बस्ते में रखने के लिए भारत सरकार की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री मान ने कहा कि राज्य के फंडों को बेवजह रोका जा रहा है. उन्होंने कहा कि इससे केंद्र का राज्य के प्रति दुश्मनी भरा व्यवहार ज़ाहिर होता है. उन्होंने कहा कि पंजाब के किसान देश के अन्न भंडार की रक्षा करते हैं और जवान सरहदों की सुरक्षा करते हैं. भगवंत सिंह मान ने कहा कि केंद्र के बेगानापन वाले रवैये के बावजूद राज्य केंद्रीय अनाज भंडार में अपना हिस्सा डालेगा और लोगों को भोजन सुरक्षा प्रदान करने का अपना फर्ज निभाता रहेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह राज्य के सरहदी क्षेत्रों की ज़रूरतों से अच्छी तरह अवगत हैं, जहां धरती के बहादुर और देश भक्त पुत्र बसते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किए बिना जहां भी संभव हो, सरहदी बाड़ को अंतरराष्ट्रीय सरहद की तरफ तब्दील करने का मुद्दा उठाया है. भगवंत सिंह मान ने यह भी कहा कि राज्य सरकार जिले में कई ओर विकास प्रोजेक्ट शुरू करने की संभावनाएं तलाशेगी. इस मौके पर कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर और हरभजन सिंह ईटीओ, विधायक सरवन सिंह धुन और अमनशेर सिंह शेरी कलसी, मंडी बोर्ड के चेयरमैन हरचन्द सिंह बरसट, सचिव मंडी बोर्ड रामवीर और अन्य सभी उपस्थित थे.