CM Yogi Meeting in Delhi: मोदी, शाह और नड्डा... सीएम योगी की दिल्ली में बैक टू बैक तीन शीर्ष नेताओं संग बैठक, जानिए क्या है इनसाइड स्टोरी

सीएम योगी ने पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. ये मुलाकातें शिष्टाचार मुलाकात मानी जातीं अगर इनके पहले दोनों डिप्टी सीएम से अलग-अलग शीर्ष नेतृत्व की मुलाकात नहीं हुई होती.

दिल्ली में पीएम मोदी और अमित शाह से मिले सीएम योगी (Photo: X/@myogiadityanath)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 20 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 1:44 PM IST

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को अचानक ही दिल्ली पहुंचे और यहां पहुंचते ही प्रधानमंत्री मोदी, बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से एक के बाद एक मुलाकात की. ये तीनों मुलाकातें लगभग तीन घंटे की रहीं. इन तीन मुलाकातों में सबसे लंबी मुलाकात नड्डा से थी जो करीब एक घंटे तक चली. हालांकि इस मुलाकात के बाद उन्होंने जनरल वीके सिंह से भी मुलाकात की. 

आधिकारिक तौर पर पीएम मोदी से हुई इस मुलाक़ात को जेवर एयरपोर्ट के उद्घाटन का निमंत्रण बताया गया. कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने इसका शिलान्यास किया था और अब अक्टूबर में इसका उद्घाटन प्रस्तावित है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन तीनों मुलाकातों के बाद एक पर पोस्ट लिखते हुए इनके लिए अपने शीर्ष नेतृत्व का धन्यवाद दिया और वक्त देने कार्य मार्गदर्शन के लिए शुक्रिया कहा.

क्या रहा मुलाकात का कारण?
यह मुलाकात एक शिष्टाचार मुलाकात मानी जाती अगर इन मुलाकातों के पहले दोनों डिप्टी सीएम से अलग-अलग शीर्ष नेतृत्व की मुलाकात नहीं हुई होती. माना जा रहा है कि इस 3 घंटे की मुलाकात के तीन अहम पक्ष हैं. उत्तर प्रदेश में बीजेपी का नया प्रदेश अध्यक्ष तय होना है. इसके अलावा व्यापक मंत्रिमंडल फेरबदल है साथ ही साथ कई मंत्रियों के कामों की समीक्षा और प्रशासनिक कई फेरबदल प्रस्तावित हो सकते हैं.

ये बदलाव कब होंगे, फिलहाल इस बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बाद तुरंत ढेरों बदलाव होंगे. सहयोगियों की लगातार बढ़ती नाराजगी, खासकर अनुप्रिया पटेल की योगी सरकार से नाराजगी और बेरुखी साफ है. ऐसे में माना जा रहा है कि सहयोगी दलों की भूमिका और उनकी नाराजगी को दूर करने पर भी चर्चा हुई है.

बीजेपी के अंदर भी नाराज़गी?
सिर्फ अनुप्रिया पटेल ही नहीं, कई विधायक भी खुलकर अपनी नाराजगी जता चुके हैं. कई मंत्री भी अफसरशाही को लेकर अपनी व्यथा व्यक्त कर चुके हैं. हाल ही में नंदगोपाल नदी, संजय निषाद और आशीष पटेल जैसे मंत्री अपनी मीडिया में सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी कर चुके हैं. नए प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही नया संगठन बनना है जो की 2027 में बीजेपी को चुनाव में लेकर जाएगा.

साल 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का बड़ा ओबीसी और दलित वोट पार्टी से खिसक चुका है. दूसरी तरफ अखिलेश यादव लगातार अपने पीडीए को मजबूत करते जा रहे हैं. ऐसे में बीजेपी के सामने सांगठनिक प्रशासनिक चुनौतियां मूंह बाए खड़ी हैं. नाराज नेताओं का एक बड़ा समूह दिल्ली में शीर्ष नेताओं को ओबीसी की नाराजगी को लेकर अपना फीड देता रहता है.

कौन बनेगा नया प्रदेश अध्यक्ष?
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तुरंत बाद उत्तर प्रदेश का भी प्रदेश अध्यक्ष तय होना है. ऐसे में इन बैठकों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी संभावित नामों पर चर्चा हुई है. माना जा रहा है कि नड्डा से लंबी मुलाकात में सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष ही नहीं, कई नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दिए जाने की भी चर्चा हुई होगी. जिन लोगों के कामकाज से पार्टी नाखुश है, ऐसे लोगों का मंत्रिमंडल से बाहर होना तय है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथ में एक फाइल भी दिखाई दे रही है, जो वह पीएम से मिलते वक्त साथ लेकर गए थे. हो सकता है कि कई मुद्दों पर उन्होंने प्रधानमंत्री से अपनी बात सीधे तौर पर रखी हो. प्रधानमंत्री से यह मुलाकात हालांकि काफी वक्त बाद हुई है. ऐसे में इन मुलाकातों का बहुत महत्व है. बदलाव तो तय हैं लेकिन बदलाव कब और कैसे होते हैं, इस पर शर्तिया तौर पर कोई कुछ नहीं कह सकता.

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