योगी 2.0 में जहां 100 दिन को लेकर विभाग अपनी कार्ययोजना बना रहे हैं वहीं संस्कृति विभाग ने एक अहम पहल 100 दिन में करने का फैसला किया है. अयोध्या में अब अनवरत रामलीला का मंचन जारी रहेगा. इसको लेकर न सिर्फ फैसला किया गया है बल्कि इसके लिए 50 लाख रुपए की शुरुआती फंड की व्यवस्था भी की गयी है. संस्कृति विभाग ने ये फैसला करके बीजेपी के संकल्प पत्र के एक वायदे को अमल में लाने की कवायद शुरू कर दी है.
100 दिन की कार्य योजना में शामिल
मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जीवन चरित और आदर्शों के जरिए समाज को दिशा देने वाली रामलीला का मंचन अब अयोध्या में अनवरत जारी रहेगा. संस्कृति विभाग ने इसका फैसला किया है. संस्कृति विभाग ने अयोध्या में नियमित रामलीला के लिए 50 लाख रुपए के फंड की शुरुआती व्यवस्था भी की है. पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक में इसके निर्देश दिए. दरअसल इसे योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन के एजेंडे में शामिल किया गया है. मुख्यमंत्री के समक्ष होने वाले विभागवार प्रेज़ेंटेशन में इसे संस्कृति विभाग की तरफ से रखा जाएगा.
दरअसल खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या में भगवान श्री राम की कथा के प्रसार के लिए रामलीला के मंचन का निर्देश दे चुके हैं. विधानसभा चुनाव से पहले जारी बीजेपी के संकल्प पत्र में भी इसे शामिल किया गया था. अब पहले ही 100 दिन में इसपर अमल करते हुए न सिर्फ इसे जारी रखने की घोषणा की गयी बल्कि फंड की व्यवस्था भी की गयी.
रामलीला जारी रखने का लिया गया फैसला
इस समय रामलीला का मंचन संस्कृति विभाग के तहत आने वाले अयोध्या शोध संस्थान करता है. इस समय ये अयोध्या में रामकथा संकुल के ऑडिटॉरीयम में हो रहा है. ये 2 अप्रैल को शुरू हुआ था. इसे नवरात्र के दौरान शुरू किया गया था ताकि रामनवमी पर लगने वाले भव्य मेले में आने वाले लोग इसको देख सकें. रामलीला देखने के लिए बहुत दर्शक आए. दूसरे ज़िलों से आने वाले लोगों ने भी इसको देखा. अब इसी रामलीला को जारी रखने का फ़ैसला किया गया है. अयोध्या की पावन भूमि पर आने वाले देश विदेश के लोग इसको देख सकें इसके लिए उसे जारी रखने पर फ़ैसला हुआ है.
दरअसल अयोध्या में चैत्र और शारदीय नवरात्र में रामलीलाओं का मंचन होता है. यूपी सरकार ने इसको भव्य रूप देने के लिए शारदीय नवरात्र में दो साल से सितारों की रामलीला का भी आयोजन किया जिसमें मनोज तिवारी, रवि किशन, राहुल भूचर, शाहबाज़ खान, भाग्यश्री जैसे कलाकार भी शामिल हुए थे. इस बार भी ये रामलीला होगी. लेकिन इसके साथ ही रोज़ाना होने वाली रामलीला को स्थानीय कलाकार और संस्कृति विभाग से जुड़े कलाकार भी करते हैं. यही रामलीला अब पुनः शुरू की गयी है.
2004 में शुरू हुई थी अनवरत रामलीला
2004 मुलायम सिंह यादव की सरकार में अयोध्या में संस्कृति विभाग और अयोध्या शोध संस्थान ने अनवरत रामलीला की शुरुआत की थी. इसके बाद 2015 में अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री रहते फंड की कमी की वजह से ये रोक दी गयी थी. बीजेपी की सरकार आने के बाद सीएम योगी ने फिर से इसकी शुरुआत करवायी थी और संस्कृति विभाग से रामलीला के लिए धन आवंटित किया गया था. तुलसी स्मारक भवन में ये रामलीला होती थी. दो साल पहले कोविड के संकटकाल की वजह से न सिर्फ़ दर्शकों और पर्यटकों का अभाव हो गया बल्कि कलाकारों पर भी इसका असर पड़ा और नियमित होने वाली रामलीला बंद हो गयी. एक बार फिर से ये रामलीला शुरू की गयी है.