राष्ट्रीय राजधानी के लाखों संपत्ति मालिकों के लिए बड़ी राहत की खबर है. दिल्ली नगर निगम (MCD) ने कचरा संग्रहण के लिए लगाए गए विवादास्पद “यूजर चार्ज” को वापस लेने का फैसला किया है. दिल्ली के मेयर राजा इकबाल सिंह ने मंगलवार को पुष्टि की कि इस शुल्क को हटाने के लिए बुधवार को सदन में एक विशेष विधेयक पेश किया जाएगा. उन्होंने कहा, “यूजर चार्ज दिल्ली की जनता पर नहीं लगेगा, हमने इसे वापस लेने का निर्णय लिया है.”
यूजर चार्ज को लेकर बढ़ते विरोध और राजनीतिक दबाव के बाद फैसला
यह फैसला तब आया है जब इस शुल्क को लेकर जनता के बीच विरोध और राजनीतिक दबाव लगातार बढ़ रहा था. यह शुल्क सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स, 2016 और 2018 में अधिसूचित निगम उप-नियमों के तहत लगाया गया था. अप्रैल 2025 से इसे प्रॉपर्टी टैक्स के साथ जोड़कर वसूला जा रहा था. यह शुल्क ₹50 प्रति माह से शुरू होकर ₹5,000 तक था, जो आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियों पर निर्भर करता था. कई रेज़िडेंट वेलफेयर असोसिएशनों (RWAs) ने इसका विरोध किया, खासकर वे जो पहले से ही निजी कूड़ा संग्रहण सेवाओं का उपयोग कर रहे थे.
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बताया कि पार्टी ने राजधानी की RWAs से इस मुद्दे पर सुझाव मांगे थे और जनता की राय को मेयर के समक्ष रखा था. उन्होंने कहा, “हमने जनता से पूछा कि शासन कैसे सुधारा जा सकता है. यह यूजर चार्ज लूट का जरिया बन चुका था, जिसे हमने रोक दिया.” उन्होंने यह भी घोषणा की कि निगम अब हाउस टैक्स को लेकर एक विशेष योजना शुरू करने जा रहा है.
नई एमनेस्टी स्कीम से संपत्ति मालिकों को राहत
इस नई एमनेस्टी स्कीम के तहत संपत्ति मालिकों को केवल पिछले पांच वर्षों का हाउस टैक्स चुकाना होगा, बाकी सभी बकाया और पेनल्टी माफ कर दी जाएंगी. मेयर इकबाल सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि इस योजना का पूरा विवरण भी बुधवार को यूजर चार्ज समाप्त करने वाले विधेयक के साथ सार्वजनिक किया जाएगा. उन्होंने कहा, “सिर्फ पांच साल का टैक्स देना होगा, बाकी सब माफ हो जाएगा.”
कचरा प्रबंधन के लिए फंडिंग
यूजर चार्ज को वापस लेना और टैक्स एमनेस्टी स्कीम बीजेपी के नियंत्रण में आए 250 सदस्यीय नगर निगम की पहली बड़ी नीति घोषणाओं में से है. निगम ने इस शुल्क के जरिए सालाना ₹600 करोड़ की आय का अनुमान लगाया था, लेकिन बीजेपी का कहना है कि इस कमी को बेहतर अनुपालन और आंतरिक सुधारों से पूरा किया जाएगा. निगम अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन्होंने पहले ही यह यूजर चार्ज चुका दिया है, उन्हें अगली टैक्स साइकल में उसका समायोजन या क्रेडिट मिलेगा.
इस निर्णय को बीजेपी के लिए दिल्ली की नागरिक राजनीति में एक बड़ी जीत माना जा रहा है, हालांकि यह भी सवाल उठता है कि राजधानी में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए भविष्य में फंडिंग कैसे सुनिश्चित की जाएगी.
-अनमोल नाथ बाली की रिपोर्ट