राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर दिन-प्रतिदिन गंभीर होता जा रहा है. हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि सांस लेना मुश्किल हो गया है. इसी को देखते हुए सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई बड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है. अब 1 नवंबर से BS-6 मॉडल से नीचे के वाहनों के दिल्ली में एंट्री पर रोक लगा दी जाएगी. साथ ही, आर्टिफिशियल बारिश (Artificial Rain) कराने की प्लानिंग पर भी काम तेज हो गया है.
लोगों ने कहा-दिल्ली में हालात बेहद खराब
दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में लोगों से बातचीत करने पर ज्यादातर ने सरकार के फैसले का समर्थन किया. उनका कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर है और अब सख्त कदम उठाना ही जरूरी है. लोगों ने कहा कि सरकार जो फैसले ले रही है, चाहे वह पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध हो या कृत्रिम बारिश की योजना. दोनों ही प्रदूषण घटाने के लिहाज से सकारात्मक कदम हैं.
एक स्थानीय निवासी ने कहा, “दिल्ली की हवा में सांस लेना दिन-ब-दिन मुश्किल हो रहा है. अगर सरकार ने अब कड़े कदम नहीं उठाए, तो आने वाले समय में हालात और खराब होंगे. पुरानी गाड़ियों पर रोक लगाना बिल्कुल सही फैसला है.”
सिर्फ गाड़ियों पर रोक से नहीं होगा काम
हालांकि कुछ लोगों ने यह भी कहा कि केवल गाड़ियों पर रोक लगाना पर्याप्त नहीं होगा. दिल्ली में निर्माण कार्य, धूल और औद्योगिक उत्सर्जन भी प्रदूषण के बड़े कारण हैं. जब तक इन पर नियंत्रण नहीं किया जाएगा, तब तक प्रदूषण कम नहीं होगा.
एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “हर साल दिवाली के बाद दिल्ली गैस चेंबर बन जाती है. सिर्फ वाहन रोक देने से फर्क नहीं पड़ेगा. सरकार को निर्माण कार्यों, धूल नियंत्रण और कचरा जलाने जैसी गतिविधियों पर भी सख्त एक्शन लेना चाहिए.”
कृत्रिम बारिश से मिलेगी अस्थायी राहत
सरकार की योजना के मुताबिक, आने वाले दिनों में आईआईटी कानपुर की मदद से कृत्रिम बारिश करवाई जा सकती है. इससे हवा में मौजूद हानिकारक कणों को कुछ दिनों के लिए नीचे बैठाने में मदद मिलेगी. हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि यह राहत अस्थायी होगी, लेकिन इससे लोगों को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी.
कदम सिर्फ कागजों तक सीमित न रहें योजनाएं
दिल्लीवासियों का कहना है कि प्रदूषण से निपटने के लिए हर साल योजनाएं तो बनती हैं, लेकिन उनका लागू होना जरूरी है. अगर सरकार सख्ती से BS-6 नियमों को लागू करे, निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण की निगरानी करे और जनजागरूकता बढ़ाए, तभी हवा की गुणवत्ता में सुधार संभव है.
लोगों ने यह भी अपील की कि प्रदूषण नियंत्रण कोई एक दिन का काम नहीं, बल्कि यह एक निरंतर प्रयास होना चाहिए जिसमें सरकार के साथ-साथ जनता की भी भागीदारी जरूरी है. BS-6 वाहनों की रोक और कृत्रिम बारिश जैसे कदम निश्चित रूप से राहत दे सकते हैं, लेकिन असली बदलाव तभी आएगा जब हर स्तर पर सख्ती और जिम्मेदारी से अमल किया जाएगा.
इनपुट-आशुतोष कुमार