'गैंस चैंबर' बना दिल्ली-NCR, AQI 400 पार, आतिशबाजी से प्रदूषण बढ़ा, SC की रोक के बावजूद जमकर फूटे पटाखे

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR में दिवाली की रात केवल रात 8 से 10 बजे तक 'ग्रीन पटाखे' चलाने की अनुमति दी थी, लेकिन लोगों ने आदेशों की अनदेखी करते हुए देर रात तक आतिशबाजी की.

दिवाली के बाद हवा जहर जैसी: Photo: PTI
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 21 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 9:27 AM IST
  • सुप्रीम कोर्ट का आदेश बेअसर
  • देर रात तक फूटे पटाखे

दिवाली की रोशनी इस बार दिल्ली की हवा पर भारी पड़ गई. पटाखों और पराली जलाने के दोहरे असर ने राजधानी को फिर से ‘गैस चैंबर’ बना दिया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, सोमवार को दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 531 तक पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है. इस स्तर पर हवा सांस लेने के लिए बेहद खतरनाक हो जाती है और स्वस्थ व्यक्ति भी बीमार पड़ सकता है.

दिल्ली के 34 निगरानी स्टेशन ‘रेड जोन’ में
दिल्ली के 38 में से 34 निगरानी स्टेशन ‘रेड ज़ोन’ में दर्ज किए गए हैं. नरेला में AQI 551 तक पहुंच गया, जो सबसे ज़्यादा रहा. अशोक विहार में 493, वजीरपुर और आनंद विहार में 404 दर्ज किया गया. नोएडा में 369 और गाजियाबाद में 402 का स्तर रहा, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है. सिर्फ चंडीगढ़ में स्थिति कुछ बेहतर रही, जहां AQI 158 दर्ज किया गया.

सुप्रीम कोर्ट की आदेश की हुई अनदेखी
सुप्रीम कोर्ट ने इस बार दिल्ली-NCR में दिवाली की रात केवल रात 8 बजे से 10 बजे तक ‘ग्रीन पटाखे’ चलाने की अनुमति दी थी, लेकिन आदेशों की अनदेखी करते हुए लोगों ने देर रात तक पटाखे जलाए. इसकी वजह से रात 10 बजे तक ही AQI 344 पार कर गया और देर रात ज्यादातर इलाकों की हवा ‘संकट’ स्तर पर पहुंच गई.

ज हवा न चलने के कारण स्मॉग की परत छाई
दिल्ली-NCR में तेज हवा न चलने के कारण स्मॉग की परत छाई हुई है. मौसम विभाग ने बताया है कि अधिकतम तापमान 31 से 33 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 20 से 22 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है. यह स्थिति प्रदूषण को कम करने में सहायक नहीं है और हवा में मौजूद जहरीले तत्वों को और स्थिर बना रही है.

दिल्ली और NCR में ग्रैप-II लागू
लगातार बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली और NCR में ग्रैप-II (GRAP-II) लागू कर दिया गया है. इसके तहत कोयला और लकड़ी के उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा, जबकि डीजल जनरेटर सेट्स के इस्तेमाल पर भी सीमाएं लगाई गई हैं. इससे पहले 14 अक्टूबर को GRAP-I के तहत 27 निवारक उपाय लागू किए गए थे, जिनमें एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल, पानी का छिड़काव और सड़क निर्माण कार्यों में धूल नियंत्रण जैसे कदम शामिल हैं.

दिल्ली में कराई जाएगी क्लाउड सीडिंग
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए कृत्रिम बारिश की तैयारी कर ली है. पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि मौसम विभाग की अनुमति मिलते ही चुनिंदा इलाकों में क्लाउड सीडिंग के जरिए बारिश कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि हम बादलों के छाने का इंतजार कर रहे हैं ताकि प्रदूषण पर तुरंत असर डाला जा सके.

हर साल की तरह इस बार भी हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने का सिलसिला जारी है, जो प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण बना हुआ है. हालांकि 2015 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन किसानों के पास पराली निस्तारण के लिए पर्याप्त साधन नहीं हैं. केंद्र सरकार ने 2021 में लागू वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) अधिनियम के तहत पराली जलाने पर सख्त नियम बनाए हैं. इसके अनुसार, दो एकड़ से कम जमीन पर पराली जलाने पर 5,000 रुपये, दो से पांच एकड़ पर 10,000 रुपये और पांच एकड़ से अधिक जमीन पर 30,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.

बच्चों और बुज़ुर्गों के लिए यह हवा खतरनाक
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि AQI का 500 के पार पहुंचना आपातकाल जैसी स्थिति है. यह न केवल फेफड़ों पर असर डालता है, बल्कि आंखों और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी बढ़ा देता है. बच्चों और बुज़ुर्गों के लिए यह हवा सबसे ज़्यादा नुकसानदेह है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में दिल्ली की हवा और भी जहरीली हो सकती है.

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