Rakhi Special: घरेलू बाजार के साथ विदेशों में भी बढ़ी गुलाबी मीनाकारी राखी की मांग, राखी के बाद गले में पेंडेंट की तरह भी कर सकते हैं इस्तेमाल

इस बार हैंड मेड राखियों को लोग पसंद कर रहे हैं. ये रखियां इस बार न सिर्फ़ देश भर के बाज़ारों में पहुंच चुकी हैं बल्कि विदेशों में भी बड़ी संख्या में एक्सपोर्ट् की गयी हैं. इससे बनारस के गुलाबी मीनाकारी के हस्त शिल्पियों को लाभ हुआ है.

Gulabi Meenakari Rakhi
शिल्पी सेन
  • वाराणसी,
  • 10 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 8:55 AM IST
  • पीएम ने जो बाइडेन को दिया था तोहफा
  • महिला कारीगरों को मिला रोजगार 

इस बार के रक्षा बंधन पर्व पर बनारस की गुलाबी मीनाकारी(Gulabi Meenakari)की हैंड मेड-स्वदेशी राखियों का बाज़ार कई गुना बढ़ गया है. सिर्फ घरेलू बाजार में ही नहीं विदेशों में भी गुलाबी मीनाकारी की रखियां एक्सपोर्ट की गयी हैं. कोविड के संकटकाल के बाद भी गुलाबी मीनाकारी से बने हस्तशिल्प की मांग बढ़ी थी लेकिन रक्षा बंधन के पर्व ने इसके बाजार को और बढ़ा दिया है. खास बात ये है कि चायनीज़ राखियों के मुकाबले गुलाबी मीनाकारी की राखियां देश विदेश में पसंद की जा रही हैं.

अमेरिका और यूरोप के देशों में बढ़ी मांग 
पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के GI टैग्ड हस्तशिल्प में गुलाबी मीनाकारी शामिल है. इससे बनने वाले हस्तशिल्प को अब दुनिया भर में पहचान मिल चुकी है. रक्षा बंधन जैसे पर्व पर चाइनीज़ राखियों का बाज़ार बड़ा था. इस बार इसके मुक़ाबले हैंड मेड राखियों को लोग पसंद कर रहे हैं. ये रखियां इस बार न सिर्फ़ देश भर के बाज़ारों में पहुंच चुकी हैं बल्कि विदेशों में भी बड़ी संख्या में एक्सपोर्ट् की गयी हैं. इससे बनारस के गुलाबी मीनाकारी के हस्त शिल्पियों को लाभ हुआ है.

मिला 10 लाख से ज्यादा का ऑर्डर
गुलाबी मीनाकारी के राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हस्तशिल्पी कुंज बिहारी के अनुसार ‘पहले सिर्फ वो लोग इन राखियों की मांग करते थे जिनको गुलाबी मीनाकारी की वैल्यू पता थी. लेकिन इस बार गुलाबी मीनाकारी की राखी की मांग घरेलू और विदेशी मार्केट में बहुत ज़्यादा बढ़ गयी है. रक्षा बंधन के मौके पर अमेरिका और यूरोप के कई देशों से ऑनलाइन ऑर्डर आए. लोग इन खूबसूरत राखियों से ही अपना पर्व मनाना चाहते हैं.’कुंज बिहारी बताते हैं कि घरेलू बाज़ार से ही उनको 10 लाख से ज़्यादा का ऑर्डर मिला है.

महिला कारीगरों को मिला रोजगार 
गुलाबी मीनाकारी बनारस का ख़ास हस्तशिल्प है. ज़्यादातर ये काम महिलाएं करती हैं. चांदी पर हाथ से उकेर कर बहुत बारीक काम होने की वजह से इससे गहने और हस्तशिल्प बनते हैं. अब से तीन साल पहले तक गुलाबी मीनाकारी की रखियां बहुत कम और सिर्फ़ व्यक्तिगत ऑर्डर पर ही बनती थीं. लेकिन इस बार इसका बाजार बहुत बढ़ गया है. इसकी वजह ये है कि गुलाबी मीनाकारी को अब बहुत ज़्यादा लोग पसंद कर रहे हैं. बनारस में 500 से ज़्यादा महिला कारीगरों को गुलाबी मीनाकारी से रोजगार मिला है.

पीएम ने जो बाइडेन को दिया था तोहफा
यूं तो गुलाबी मीनाकारी बनारस का GI टैग्ड हस्तशिल्प है. इस खूबसूरत हस्तशिल्प को जानने का मौका दुनिया भर के लोगों को अभी हाल ही में मिला था. G-7 समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र के इस अनूठे कारीगरी से बने cuff links का तोहफा अमेरिकी राष्ट्रपति Joe Biden को दिया था. यही नहीं उसी कफ लिंक्स से मैच करते हुए गुलाबी मीनाकारी का Brooch भी यूएस की फ़र्स्ट लेडी के लिए दिया था. बनारस के कारीगरों और हस्तशिल्पियों का कहना है कि इसके बाद गुलाबी मीनाकारी का बाजार और बढ़ा और विदेशों से भी इस तरह के हस्तशिल्प की मांग आने लगी.

यूपी सरकार ने भी इसके बाज़ार के लिए हाल ही के समय में कई कदम उठाए हैं. इस बार गुलाबी मीनाकारी की राखियों के बाज़ार तक पहुंचने की वजह से चायनीज़ राखियों के मुक़ाबले ये हैंड मेड रखियां स्वदेशीकी दृष्टि से भी ट्रेंड में हैं.

क्यों ख़ास है गुलाबी मीनाकारी की राखी 
गुलाबी मीनाकारी की राखी हैंड मेड होती है. घंटों की मशक़्क़त के बाद इसको हाथ से कारीगर बनाते हैं. गुलाबी मीनाकारी की राखी इसके अन्य प्रॉडक्ट्स की तरह ही चांदी पर बनायी जाती है. चांदी को शुभ धातु  माना गया है. ख़ास बात ये है कि रक्षाबंधन पर राखी बांधने के बाद इसे लॉकेट (पेन्डेन्ट) की तरह भी पहना जा सकता है. ये बहुत हल्के और स्टाइलिश होने की वजह से लोग इसको पसंद कर रहे हैं. चांदी में बनी इन राखियों की क़ीमत 300 रुपए से 1500 रुपए तक है. भाई की कलाई पर गुलाबी मीनाकारी की राखी और उसी से मैच करता हुआ बहन का pendant और earrings भी इस बार लोगों ने लिया है. वाराणसी के संयुक्त आयुक्त(उद्योग) उमेश सिंह ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी द्वारा मेहमानों को वाराणसी के हस्तशिल्प उपहार के रूप में देने से इसकी मांग बढ़ी है. 

 

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