प्री मानसून और मानसूनी बारिश में क्या फर्क है? दिल्ली-एनसीआर में कब दस्तक देगा Monsoon, जानिए

मानसून भारत के साउथईस्ट हिस्से में पहुंच गया था और अब यह धीरे-धीरे बाकी राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश तेलंगाना से होते हुए पश्चिम बंगाल और उड़ीसा बिहार झारखंड के कुछ हिस्सों में भी पहुंच गया है. वहीं अगले 2 से 3 दिनों में मानसून मध्य भारत के राज्य जैसे मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और मराठवाड़ा के कुछ हिस्सों तक पहुंच जाएगा.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 22 जून 2023,
  • अपडेटेड 4:30 PM IST

दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार की सुबह बारिश के साथ हुई जिसने मौसम सुहाना हो गया. एक ओर जहां बिपरजॉय के असर की वजह से दिल्ली-एनसीआर समेत बाकी कई राज्यों में हल्की से मध्यम बारिश हो रही है, वहीं अभी भी उत्तर भारत मानसून का इंतजार कर रहा है. मानसून ने दक्षिण भारत में दस्तक दे दी है और अब तेलंगाना, आंध्र प्रदेश से होते हुए पूर्वी भारत तक पहुंच रहा है. मौसम विभाग कि मानें तो आने वाले दिनों में हीटवेव से राहत मिलने वाली है.

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार प्री-मानसून मार्च से मई तक होता है. इस दौरान होने वाली बारिश को प्री-मानसून बारिश माना जा सकता है. प्री मानसून बारिश ज्यादातर मई के महीने में ही होती है. प्री-मानसून बारिश उत्तरी भागों की तुलना में Peninsular भारत में पहले शुरू होती है और खत्म होती है. उत्तर भारत के लिए जून काफी हद तक प्री-मानसून सीजन है, लेकिन दक्षिण-पश्चिम मानसून आम तौर पर 1 जून तक केरल में दस्तक देता है. इसके बाद से ही मानसून पूर्वोत्तर भारत में पहुंच जाता है.

क्यों होती है मानसूनी बारिश?

मानसून का मौसम, जून से सितंबर तक चलता है. भारत में मानसून का मौसम कई बड़ी और विस्तृत प्रक्रियाओं से मिलकर बना है. मई- जून के महीने में भारतीय प्रायद्वीप गर्मी से तपने लगता है जबकि उसके दक्षिण और आसपास अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में तापमान तुलनात्मक रूप से काफी कम होती है. इस गर्मी की वजह से समुद्र से पानी के बादल भारी मात्रा में उत्तर भारत की ओर जाते हैं और वहां जाते हुए पूरे भारत में बारिश करते हैं जिसे मानसूनी बारिश कहते हैं.

प्री-मानसून सीजन के दौरान बादल vertical होते हैं और ज्यादातर दोपहर के बाद और शाम के समय आते हैं. ये तापमान ज्यादा होने और विशाल बादलों की वजह से बनते हैं.

कब होती है मानसून और प्री मानसून बारिश

मानसून से पहले प्री मानसून आता है. देश में मानसून के सक्रिय होने से पहले जो बारिश होती है वो प्री मानसून बारिश कहलाती है. उत्तर भारत में जून का महीना प्री मानसून मौसम कहलाता है. केरल और पूर्वोत्तर भारत में मानसून का आगमन एक जून को होता है, लेकिन मानसून जून के आखिर तक उत्तर भारत तक पहुंच जाता है. प्री मानसून को पश्चिम बंगाल में काल-बैसाखी, कर्नाटक में मैंगो शॉवर और केरल में ब्लॉसम शॉवर के नाम से जाना जाता है. आमतौर पर इसे अप्रैल की बारिश कहा जाता है. मानसूनी बारिश लंबे समय तक होती रहती है. इसके अलावा दोनों में हवाओं का भी फर्क होता है. जहां प्री मानसून में हवाएं काफी तेज चलती है वहीं मानसून में सिर्फ तेज बारिश होती है. हवा की स्पीड इसमें कम होती है. 

देश भर में मानसून की स्थिति को साफ करते हुए मौसम वैज्ञानिक सोमा सेन राय ने बताया कि बिपरजोय तूफान का असर देशभर में देखने को मिल रहा है, यही वजह है कि इससे पहले मानसून भारत के साउथईस्ट हिस्से में पहुंच गया था और अब यह धीरे-धीरे बाकी राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश तेलंगाना से होते हुए पश्चिम बंगाल और उड़ीसा बिहार झारखंड के कुछ हिस्सों में भी पहुंच गया है. वहीं अगले 2 से 3 दिनों में मानसून मध्य भारत के राज्य जैसे मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और मराठवाड़ा के कुछ हिस्सों तक पहुंच जाएगा.

दिल्ली में 29 जून तक आ सकता है मानसून

मौसम विभाग कि मानें तो अभी दिल्ली-एनसीआर वालों को हफ्ता भर और मानसून का इंतजार करना पड़ेगा, दक्षिण भारत से चल कर अब मानसून अगले 2 से 3 दिनों तक मध्य भारत और फिर 29 जून तक दिल्ली एनसीआर पहुंच सकता है. हालांकि तूफान बिपरजोय के असर की वजह से देश भर में बारिश की गतिविधि जारी है.

अगले 24 घंटे में कहां होगी बारिश

बीते कई दिनों से एक ओर जहां बिपरजॉय की वजह से कई राज्यों में बारिश का सिलसिला जारी है वहीं फिलहाल ये थमने वाला नहीं है यानी मौसम विभाग के मुताबिक हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड असम के साथ बाकी कई राज्यों में अगले 24 घंटे में बारिश हो सकती है, वहीं अगर सैटेलाइट से देखे तो अभी देश भर के सभी राज्यों के आसमान में काले बादल नजर आ रहे हैं.

अब नहीं चलेंगी हीटवेव्स

मौसम विभाग के मुताबिक अब देश भर के सभी राज्यों में मौसम ठंडा ही बना रहेगा, सिर्फ महाराष्ट्र के विदर्भ में हिट वेव की आशंका है लेकिन इसके अलावा बाकी सभी राज्यों में बारिश के आसार हैं, आसमान में काले बादल नजर आएंगे, ठंडी हवाएं चलती रहेंगी और तापमान भी सामान्य से 5 से 6 डिग्री कम बना रहेगा.

 

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