भारत में ड्राइविंग लाइसेंस (Driver's License) बनवाना एक लंबी और बोझिल प्रक्रिया है. आवेदक को कई फॉर्म भरने होते हैं. कई लोगों से संपर्क करना पड़ता है और कई बार भाग दौड़ करने के बाद कहीं जाकर लाइसेंस बन पाता है. लेकिन 1 जून से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आपको लंबी कतारों में लगने की जरूरत नहीं होगी. इतना ही नहीं आपको RTO ऑफिस के चक्कर भी नहीं काटने पड़ेंगे. 1 जून से नए परिवहन नियम (New Driving License Rules 2024) लागू हो रहे हैं.
निकटतम केंद्र पर ड्राइविंग टेस्ट देने का विकल्प
अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए RTO में टेस्ट देने की मौजूदा बाध्यता खत्म हो जाएगी. आपके पास अपनी पसंद के निकटतम केंद्र पर ड्राइविंग टेस्ट देने का विकल्प होगा. आप सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विशेष निजी संस्थानों में भी ड्राइविंग टेस्ट दे सकते हैं. हालांकि नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना भी भरना पड़ सकता है.
नियमों का उल्लंघन करने पर भरना होगा जुर्माना
नए नियम में वैध लाइसेंस के बिना गाड़ी चलाने पर 2,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. इसके अलावा, अगर कोई नाबालिग वाहन चलाता हुआ पाया गया तो उसके माता-पिता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. इतना ही नहीं गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट भी रद्द किया जाएगा.
18 साल के ऊपर के लोग बनवा सकते हैं ड्राइविंग लाइसेंस
ड्राइवर का लाइसेंस लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज को भी विशिष्ट आवश्यकताओं के साथ सुव्यवस्थित किया गया है. इसका मतलब ये है कि मंत्रालय आवेदकों को लाइसेंस के लिए जरूरी दस्तावेजों के बारे में पहले से बताएगा.अगर कोई व्यक्ति 18 साल की उम्र का हो गया है तो वह अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवा सकता है. ड्राइवर लाइसेंस के लिए आवेदन प्रक्रिया पहले की तरह ही रहेगी. अगर आप भी लाइसेंस बनवाना चाहते हैं तो https://parivahan.gov.in/ पर जाकर अपना आवेदन ऑनलाइन जमा कर सकते हैं.
निजी ड्राइविंग स्कूलों के लिए नियम
ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर्स के पास न्यूनतम 1 एकड़ भूमि (चार पहिया वाहन प्रशिक्षण के लिए 2 एकड़) होनी चाहिए.
ट्रेनर्स के पास हाई स्कूल डिप्लोमा, कम से कम 5 साल का ड्राइविंग अनुभव और बायोमेट्रिक्स और आईटी सिस्टम से परिचित होना चाहिए.