डिफेंस सेक्टर में हिंदुस्तान नया इतिहास रचने जा रहा है. हिंदुस्तान के समंदर में देश का पहला स्वदेशी एयर क्रॉफ्ट कैरियर IAC विक्रांत टेस्टिंग के लिए उतारा गया है. IAC विक्रांत (iac vikrant) की टेस्टिंग की कामयाबी के साथ भारत जल्द ही उन 7 देशों के एलीट क्लब में शामिल हो जाएगा जो एयरक्रॉफ्ट कैरियर बनाते आए हैं. इन देशों में चीन, अमेरिका और फ्रांस भी शामिल हैं. जाहिर है IAC विक्रांत पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्धि की तरफ ले जाएगा.
IAC विक्रांत के फाइनल ट्रायल की तैयारियां जोरों पर हैं. स्वदेशी विमान आईएसी विक्रांत को समुद्री परीक्षणों के लिए रवाना किया है. पिछले साल अगस्त में आईएसी विक्रांत का पहला परीक्षण किया गया था. आईएसी विक्रांत अब नौसेना के वैज्ञानिकों के पास जाएगा और विशाखापत्तनम स्थित डीआरडीओ प्रयोगशाला में इसकी टेस्टिंग होगी. टेस्टिंग में जहाज के तमाम सेंसर सूट की भी टेस्टिंग की जाएगी.
दरअसल नौसेना स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएसी-विक्रांत के लिए लड़ाकू विमानों का एक बेड़ा खरीदने की प्लानिंग कर रही है. ये बेड़ा इसी साल अगस्त में नौसेना में शामिल हो सकता है. आईएसी विक्रांत का सफल ट्रायल पूरा होने के साथ ही हिंदुस्तान उन चुनिंदा देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा, जिनके पास विमानवाहक के डिजाइन और निर्माण की क्षमताएं हैं. इस एलीट क्लब में अमेरिका, यूके, फ्रांस, रूस, इटली और चीन का नाम पहले से शामिल है.
जाहिर है स्वदेशी आईएसी विक्रांत हिंदुस्तान को भी इन तमाम देशों के साथ खड़ा करेगा. चलिए अब आपको आईएसी विक्रांत की खूबी भी बताते हैं.
आईएसी विक्रांत की खूबियां
स्वदेशी एयरक्राफ्ट आईएसी विक्रांत 262 मीटर लंबा, 62 मीटर चौड़ा और 30 मीटर गहरा है.
इसको खास तौर पर एक डेक के डिजाइन में बनाया गया है.
आईएसी विक्रांत में 2,300 से भी ज्यादा कंपार्टमेंट बनाए गए हैं, जिसमें महिला अधिकारियों के लिए विशेष केबिन भी बनाए गए हैं.
भारत में बनने वाला ये सबसे बड़ा और सबसे जटिल युद्धपोत है.
युद्धपोत का निर्माण लगभग 23,000 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है.
ये युद्धपोत लड़ाकू जेट मिग-29 के, कामोव-31 हेलिकॉप्टर, एमएच-60 आर और हेलिकॉप्टर संचालित करेगा.
हिंद महासागर क्षेत्र में हिंदुस्तान की सैन्य क्षमता को बढ़ाने और चीन जैसे मुल्क की साजिशों के मद्देनजर हिंदुस्तान की नौसेना का ये कदम दुश्मन को भी हिंदुस्तान की समुद्री सीमा लंघाने से पहले सौ बार सोचने के लिए मजबूर करेगा.