भारत के पहले उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के मौके पर बीजेपी 'सरदार@150' नाम से देशव्यापी अभियान शुरू करने जा रही है. यह कार्यक्रम तीन चरणों में 31 अक्टूबर (पटेल जयंती) से लेकर 6 दिसंबर 2025 (डॉ. भीमराव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस) तक चलेगा.
हालांकि यह अभियान बिहार में सीधे तौर पर नहीं चलाया जाएगा, क्योंकि वहां विधानसभा चुनाव की तैयारियां चल रही हैं. आचार संहिता लागू हो गया है लेकिन बीजेपी के रणनीतिकार इस पहल को बिहार की राजनीति और जातीय समीकरणों से जोड़कर देख रहे हैं.
दिल्ली में हुई बड़ी बैठक
अभियान की तैयारियों की समीक्षा के लिए बुधवार को दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में एक अहम बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल ने की. इसमें अभियान की थीम, कार्यक्रमों और जनसंपर्क रणनीति पर विस्तार से चर्चा हुई.
क्या है अभियान की थीम
सरदार@150 अभियान की मुख्य थीम है 'एक भारत, आत्मनिर्भर भारत, एकजुट भारत, विकसित भारत'. इस अभियान का उद्देश्य सरदार पटेल की एकता और राष्ट्रनिर्माण की भावना को याद करना और युवाओं को उनके आदर्शों से जोड़ना है.
तीन चरणों में अभियान
पहला चरण: हर लोकसभा क्षेत्र में तीन दिनों की पदयात्रा निकाली जाएगी, जिसमें सांसद, विधायक, मंत्री और प्रबुद्ध वर्ग शामिल होंगे.
दूसरा चरण: हर लोकसभा क्षेत्र से चुने गए पांच युवा गुजरात के कर्मसद (पटेल का जन्मस्थान) तक यात्रा करेंगे.
तीसरा चरण: 26 नवंबर संविधान दिवस को कर्मसद से केवड़िया तक 150 किमी की पदयात्रा निकलेगी, जो 6 दिसंबर को संपन्न होगी.
दिल्ली में होगा एक विशेष कार्यक्रम
दिल्ली में 150 युवाओं का एक विशेष कार्यक्रम भी होगा. ये युवा यमुना नदी का जल देश की 25 प्रमुख नदियों तक ले जाएंगे और फिर उन नदियों का जल वापस दिल्ली लाकर पटेल चौक पर सरदार पटेल की प्रतिमा को अर्पित करेंगे. इस पूरे अभियान पर एक विशेष डॉक्यूमेंट्री भी तैयार की गई है.
राजनीतिक संदेश साफ
बीजेपी के इस राष्ट्रीय एकता अभियान का राजनीतिक संदेश भी गहरा है. इसमें जहां किसानों और युवाओं को जोड़ने का प्रयास है, वहीं कुर्मी समाज को भी साधने की कोशिश नजर आ रही है, जो बिहार की राजनीति में निर्णायक भूमिका रखता है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसी समुदाय से आते हैं. ऐसे में बीजेपी का यह अभियान बिहार चुनाव से पहले कुर्मी और किसान वोटरों को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है. सरदार 150 अभियान के जरिए बीजेपी एक ओर सरदार पटेल की विरासत को सम्मान दे रही है, तो दूसरी ओर युवाओं, किसानों और कुर्मी समुदाय के जरिए बिहार में राजनीतिक संदेश भी गढ़ रही है.
(हिमांशु मिश्रा की रिपोर्ट)