समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का अभी हाल ही में लंबी बीमारी के चलते गुरुग्राम मेदांता अस्पताल में निधन हो गया. तब से परिवारों और सपा के समर्थकों में गम का माहौल व्याप्त है. पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के निधन के बाद लगातार उनके बेटे अखिलेश यादव पारंपरिक धार्मिक कर्मकांड की क्रियाओं का निर्वहन कर रहे हैं. इसमें दिवंगत आत्मा की शांति के लिए अनुष्ठान के तहत शुद्धि संस्कार किए गए. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार मृतक व्यक्तियों के निधन उपरांत 13वें दिन तेरहवीं की जाती है लेकिन पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह की तेरहवीं नहीं की जाएगी. अखिलेश यादव अपने पिता की तेरहवीं का अनुष्ठान नहीं करेंगे. हालांकि, इसके पीछे भी कारण हैं.
शांति पाठ होगा आयोजित
समाजवादी पार्टी नेता और पूर्व एमएलसी सुनील सिंह साजन ने बताया कि नेताजी की तेरहवीं नहीं होगी, उसकी जगह शांति पाठ किया जाएगा. ये शांति पाठ आगामी 21 तारीख को आयोजित होगा. सुनील सिंह सान ने बताया कि सैफई के आसपास के एक-दो जिलों में तेरहवीं करने की परंपरा नहीं है. सिर्फ शांतिपाठ और हवन-पूजन किया जाता है. साजन ने इसके पीछे का कारण बताते हुए कहा कि समाज सुधारकों ने यह पहल की थी. हालांकि, जब नेता जी छोटे थे तब तो तेरहवीं होती थी लेकिन जब वह बड़े हुए और राजनीति में आए और उनके साथ जिन नेतागणों ने राजनीति में कदम रखा तो उन्होंने समाज सुधारक के तौर पर कार्य किया. तभी से इस परंपरा को समाप्त कर दिया गया और तभी से शांति पाठ के साथ हवन और पूजा पाठ होने लगा.
इस परंपरा को खत्म करने के पीछे है ये कारण
सुनील सिंह साजन बतातेे हैं, “समाज सुधारकों ने उस परंपरा को इसलिए भी खत्म किया ताकि जो गरीब वर्ग के लोग हैं उन्हें किसी चीज की परेशानी न हो. जब उनके यहां मृत्यु हो जाती थी तो उन्हें 13वें दिन भोज का आयोजन करना पड़ता था, जिसमें उनके ऊपर आर्थिक बोझ की स्थिति उत्पन्न हो जाती थी और दबाव बढ़ता था. इसीलिए इन परंपराओं को समाज सुधारकों ने खत्म कर दिया."
तेरहवीं की परंपरा खत्म हो जाने के बाद चाहे वह मध्यमवर्ग का हो, गरीब वर्ग हो या फिर अमीर तबके का सबके लिए एक ही परंपरा शुरू हो गई. ऐसे में कोई आर्थिक दृष्टि से संपन्न अमीर व्यक्ति भी भोज नहीं करता ताकि गरीब वर्गों को यह न लगे कि वह सक्षम नहीं हैं. साथ ही ऐसे में गरीब तबके के ऊपर तेरहवीं करने का दबाव नहीं रहता है और इससे उनकी आर्थिक स्थिति भी नहीं बिगड़ती है. वहीं सपा के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने भी बताया कि आने वाली 21 तारीख को तेरहवीं नहीं की जाएगी उसके बदले हवन किया जाएगा.
(सत्यम मिश्रा की रिपोर्ट)