Indian Railways : मार्च 2020 से 4 करोड़ वरिष्ठ नागरिक पूरे किराए पर यात्रा करने को मजबूर, RTI से हुआ खुलासा 

मध्य प्रदेश के चंद्रशेखर गौड़ द्वारा दायर एक सवाल के जवाब में रेलवे ने कहा है कि 22 मार्च, 2020 से सितंबर 2021 के बीच 37,850,668 वरिष्ठ नागरिकों ने ट्रेनों में यात्रा की है.

सांकेतिक तस्वीर
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 21 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 9:11 PM IST
  • 2020-2021 के बीच 37,850,668 वरिष्ठ नागरिकों ने की ट्रेनों में यात्रा
  • मार्च 2020 से निलंबित की गई रियायतें आज तक निलंबित हैं

मार्च 2020 में कोरोनोवायरस के प्रकोप के कारण रेलवे द्वारा उनकी रियायतों को निलंबित करने के बाद से लगभग चार करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को अपनी यात्रा के लिए पूरा किराया देने के लिए मजबूर किया गया है. एक आरटीआई से इस बात का पता चला है. मध्य प्रदेश के चंद्रशेखर गौड़ द्वारा दायर एक सवाल के जवाब में रेलवे ने कहा है कि 22 मार्च, 2020 से सितंबर 2021 के बीच 37,850,668 वरिष्ठ नागरिकों ने ट्रेनों में यात्रा की है.

इस अवधि के दौरान, कोरोनोवायरस-प्रेरित लॉकडाउन के कारण कई महीनों तक ट्रेन सेवाएं निलंबित रहीं. मार्च 2020 से निलंबित की गई रियायतें आज तक निलंबित हैं. वरिष्ठ नागरिकों के मामले में, जबकि महिलाएं 50 प्रतिशत रियायत के लिए पात्र हैं. वहीं, पुरुष सभी वर्गों में 40 प्रतिशत छूट प्राप्त कर सकते हैं. एक महिला के लिए न्यूनतम आयु सीमा 58 और पुरुष की 60 वर्ष है. 

बुजुर्गों को मिलने वाली रियायत को कर दिया गया था वैकल्पिक

पिछले दो दशकों में, रेलवे रियायतें एक बहुचर्चित विषय रहा है, जिसमें कई कमेटी उन्हें वापस लेने की सिफारिश कर चुकी हैं. इसका नतीजा यह हुआ कि जुलाई 2016 में रेलवे ने टिकट बुक करते समय बुजुर्गों को मिलने वाली रियायत को वैकल्पिक बना दिया. जुलाई 2017 में, रेलवे ने बुजुर्गों को "इसे छोड़ दो" योजना के माध्यम से अपनी आंशिक या पूर्ण रियायत भी छोड़ने में सक्षम बनाया. 

निजी क्षेत्र के सेवानिवृत्त कर्मचारी तापस भट्टाचार्य ने कहा, "जिन्होंने अपनी रियायतें भी छोड़ दी हैं. नियमित ट्रेन सेवाओं के चलने के साथ, कम से कम वरिष्ठ नागरिक रियायतें बहाल की जानी चाहिए.  अधिकांश बुजुर्ग पूरे किराए का भुगतान नहीं कर सकते हैं. पिछले महीने एक पत्र में, मदुरै के सांसद सु वेंकटेशन ने केंद्रीय रेल मंत्री से अपनी रेल यात्रा के लिए यात्री रियायतों को बहाल करने की अपील करते हुए कहा कि यह उस देश में बुजुर्गों के लिए आवश्यक है जहां 20 प्रतिशत गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं. 

कारगर साबित नहीं हुए 'गिव इट अप' योजना 

दरअसल, 2019 की कैग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वरिष्ठ नागरिक यात्रियों की ओर से 'गिव इट अप' योजना को मिली प्रतिक्रिया बहुत उत्साहजनक नहीं थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल 4.41 करोड़ वरिष्ठ नागरिक यात्रियों में से 7.53 लाख (1.7 फीसदी) यात्रियों ने 50 फीसदी रियायत देने का विकल्प चुना और 10.9 लाख (2.47 फीसदी) यात्रियों ने 100 फीसदी रियायत दी. 

रेलवे ने फिर से बहाल की कई सेवाएं 

रेलवे ने पिछले दस दिनों में अपनी कुछ सेवाओं को बहाल कर दिया है, जिन्हें उसने कोरोनोवायरस संकट के मद्देनजर निलंबित कर दिया था. इसमें ट्रेनों से "विशेष" टैग को हटाना शामिल है, जिसने टिकटों की कीमतों में कमी की और गर्म पका हुआ भोजन परोसने की सेवा को फिर से शुरू किया. हालांकि, रियायतें बहाल करने और बेडरोल उपलब्ध कराने पर फैसला अभी बाकी है. 

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