महाराष्ट्र के अतिदुर्गम और नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिले के एक गांव में आजादी के बाद पहली बार स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन पहुंचा है. इस गांव से पहली बार बस सेवा की शुरू की गई है. कटेझरी नाम का ये गांव धानोरा तहसील में है. इस अवसर पर इस गांव में उत्सव का माहौल रहा देखने मिला. लोगों ने बैंड बजाकर बस का स्वागत किया.
पहली बार गांव में शुरू हुई बस सेवा-
छत्तीसगड सीमा से सटे गढ़चिरौली जिले के सुदूर, पिछड़े और नक्सल प्रभावित इलाका माने जाने वाले धानोरा तहसील के एक छोटे से आदिवासी गांव कटेझरी में आज पहली बार स्टेट बस सेवा की शुरुआत हुई. इस बस सेवा की शुरुआत आजादी के बाद पहली बार हुआ. सरकार के इस कदम से गांववाले काफी खुश हैं. गांववालों ने बैंड-बाजे के साथ बस का स्वागत किया.
नक्सली प्रभावित है गांव-
कटेझरी गांव जंगल में छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित एक बड़े कस्बे मुरुमगांव से दस किलोमीटर दूर है. इस गांव ने कभी स्टेट ट्रांसपोर्ट नहीं देखा. स्थानीय पुलिस सहायता केंद्र, ग्राम पंचायत और ग्रामीणों ने एस.टी. को गांव तक पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास किए. परिणाम स्वरूप, गढ़चिरौली-धानोरा-मुरुमगांव एस.टी. बस को अब कटेझरी तक विस्तारित किया गया है.
एस.टी. के प्रथम आगमन के अवसर पर कटेझरी के ग्रामीणों ने ढोल बजाकर, नृत्य करके और विशेष आदिवासी शैली में एस.टी. का स्वागत किया. अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि राज्य और केंद्र सरकार की योजनाएं इस क्षेत्र तक पहुंचेंगी और इस क्षेत्र को विकास की मुख्यधारा में आने के लिए अनुकूल स्थिति पैदा करेंगी.
शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव-
कटेझरी विकास से कोसों दूर है. इस क्षेत्र में पक्की सड़कें और एस.टी. ना होने के कारण गरीब आदिवासी परिवारों को शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता था. इस गांव के अधिकांश युवाओं की शैक्षणिक स्थिति निराशाजनक है. हालांकि, ग्रामीणों ने विश्वास जताया है कि एस.टी. के आने से यह स्थिति बदलेगी और सही और सुरक्षित सेवाएं मिलेंगी.
कटेझरी के निवासियों के लिए अब जाकर संचार क्रांति हुई है. आने वाले समय में इस क्षेत्र में और अधिक संचार सुविधाएं बहाल की जाएंगी, जिससे इस क्षेत्र को विकास की मुख्यधारा में लाने में मदद मिलेगी.
(व्यंकटेश दुड्डामवार की रिपोर्ट)
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