Automated Driving Track: अगले साल से दिल्ली में ड्राइविंग लाइसेंस लेना होगा मुश्किल, जानिए क्यों

Driving License: दिल्ली के सभी ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक अब ऑटोमेटेड होने वाले हैं और इसके बाद ट्रैक पर लगे कैमरा और सेंसर्स के जरिए 24 पैरामीटर्स पर अप्लाई करने वालों जांच की जाएगी.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 27 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:00 AM IST
  • 5 साल पहले शुरू हुआ था ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट

अगर आप राष्ट्रीय राजधानी में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करना चाह रहे हैं, तो यहां आपके लिए एक बड़ा अपडेट आया है. दिल्ली में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना अब मुश्किल होने जा रहा है, क्योंकि जनवरी 2023 के अंत तक सभी टेस्ट ट्रैक स्वचालित (ऑटोमेटेड) हो जाएंगे. 

आपको बता दें कि दिल्ली में कुल 13 ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक हैं, और 12 ऑटोमेटेड हो चुके हैं. एकमात्र लाडो सराय के ट्रैक पर ड्राइविंग परीक्षण अभी भी मैन्युअल रूप से किए जाते हैं. यह परीक्षण ट्रैक शीघ्र ही स्वचालित होने जा रहा है.

5 साल पहले शुरू हुआ था ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट
लगभग 5 साल पहले, पहला स्वचालित ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक दिल्ली में शुरू किया गया था ताकि आवेदकों को स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने से पहले उनके ड्राइविंग कौशल का निष्पक्ष तरीके से आकलन किया जा सके और क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) में भ्रष्टाचार को भी समाप्त किया जा सके.

राष्ट्रीय राजधानी में सभी परीक्षण ट्रैक स्वचालित होने के बाद, मानवीय हस्तक्षेप की संभावना समाप्त हो जाएगी. इसका मतलब है कि टेस्ट में पास होने के लिए ड्राइविंग स्किल्स बहुत अच्छी होनी चाहिए. इससे ट्रेन्ड ड्राइवर्स को ही लाइसेंस मिलेगा और इससे रोड सेफ्टी बढ़ेगी. 

गलती करने का नहीं है स्कोप
बताया जा रहा है कि पूरी तरह से स्वचालित ट्रैक पर ड्राइविंग परीक्षण ऐसे लोगों की भी मदद करेगा जो पहले प्रयास में टेस्ट में पास नहीं हुए और उन्होंने जो गलतियां कीं, उनसे सावधान रहें. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक कि दिल्ली भारत का एकमात्र ऐसा शहर बन जाएगा जहां सभी ड्राइविंग टेस्ट का मूल्यांकन बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के किया जाएगा.

ऑटोमेटेड ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट के तहत इन ट्रैक्स पर लगे सेंसर्स और कैमरों के जरिए आवेदकों की 24 पैरामीटर्स पर जांच की जाती है.

 

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