Humanoid Robots for Indian Army: भारतीय सेना के लिए गुड न्यूज़... जंग लड़ने के लिए ह्यूमनॉइड रोबोट बना रहा DRDO, जानिए कैसे करेंगे काम

डीआरडीओ के इस जंगी रोबोट को हाल ही में पुणे में आयोजित एडवांस्ड लेग्ड रोबोटिक्स पर राष्ट्रीय वर्कशॉप में प्रदर्शित किया गया. इस रोबोट की क्या खासियत है, आइए जानते हैं.

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 10 मई 2025,
  • अपडेटेड 7:50 PM IST

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के वैज्ञानिक सैन्य मिशनों के लिए ह्यूमनॉइड यानी मानव सदृश रोबोट पर काम कर रहे हैं. इसके पीछे उनका उद्देश्य सैनिकों के लिए जोखिम कम करना है. डीआरडीओ के अंतर्गत आने वाला इंजीनियर्स का प्रमुख प्रयोगशाला, अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान एक ऐसी मशीन विकसित कर रहा है जो सीधे मानव आदेश के तहत जटिल काम कर सकेगी. इसका मकसद ज्यादा जोखिम वाले वातावरण में सैनिकों की दिक्कतों को कम करना है. 

पुणे में दिखा रोबोट
डीआरडीओ के इस जंगी रोबोट को हाल ही में पुणे में आयोजित एडवांस्ड लेग्ड रोबोटिक्स पर राष्ट्रीय वर्कशॉप में प्रदर्शित किया गया. डीआरडीओ के सेंटर फॉर सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज के समूह निदेशक एस. ई. टालोले ने इसके बारे में कहा, "इन प्रणालियों की एक बहुत ही खास विशेषता ये है कि वे सभी तरह के भूभागों पर चल सकते हैं. जहां वे रोबोटिक प्रणालियों को ट्रैक कर सकते हैं, जो वास्तव में नहीं चल सकते." 

उन्होंने कहा, "दूसरी बात, जब मानव की तरह दो पैरों पर चलने वाले रोबोटिक सिस्टम की बात आती है तो वे मनुष्यों के लिए डिजाइन किए गए वातावरण में काम कर सकते हैं. वे मनुष्यों के लिए डिजाइन किए गए उपकरणों का इस्तेमाल कर सकते हैं और सबसे जरूरी बात ये है कि वे सभी तरह के भूभागों पर चल सकते हैं. उनके पास सभी तरह की क्षमताएं हैं." 

अभी डेवलपमेंट फेज़ में प्रोजेक्ट
वर्तमान में रोबोट एडवांस्ड डेवलपमेंट फेज में है. डेवलपरों की टीम ऑपरेटर के आदेशों को सटीकता के साथ समझने और उसे अमल में लाने की रोबोट की क्षमता को निखारने पर फोकस कर रही है. एस. ई. टालोले कहते हैं, "जब सैन्य मामलों और रक्षा की बात आती है, तो मानवरूपी रोबोट का उपयोग निगरानी उद्देश्यों, युद्ध इंजीनियरिंग और युद्ध समर्थन के लिए किया जा सकता है. जब पैरों वाले रोबोट की बात आती है तो उनका इस्तेमाल रसद के लिए किया जा सकता है." 

टालोले का मानना है कि युद्ध इंजीनियरिंग और युद्ध समर्थन में कई ऐसे प्रोजेक्ट हैं जहां ये इंसानों जैसे रोबोट हमारे सशस्त्र बलों के लिए उपयोगी होंगे. इन दो पैरों वाले ह्यूमनॉइड रोबोट में गिरने और धक्का लगने पर संभलने, रियल टाइम मैप जेनरेशन और कई दूसरी खासियत होंगी. इससे ये चुनौतीपूर्ण, ज्यादा जोखिम वाले वातावरण में जटिल स्वायत्त संचालन करने में सक्षम होगा. 

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