आम आदमी के लिए Good News! सरकार ने शुरू की Bharat Rice की बिक्री, 29 रुपए प्रतिकिलो की दर से मिलेगा चावल

केंद्र सरकार ने आम आदमी के लिए 'भारत' ब्रांड का चावल लॉन्च किया है. आम आदमी को अब इस महंगाई के दौर में चावल 29 रुपए प्रति किलो मिलेगा.

Govt. launched Bharat Rice
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 07 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 10:03 AM IST
  • 29 रुपए किलो की कीमत पर मिलेगा चावल
  • किफायती कीमतों पर दाल भी 

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को नई दिल्ली में 'भारत' ब्रांड के तहत चावल की बिक्री की शुरुआत की और 100 मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखाई. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के लोगों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील हैं. उनकी निगरानी में ही जरूरी वस्तुओं की कीमत को कंट्रोल में रखा जा रहा है. 

उन्होंने कहा कि भारत सरकार किसानों के साथ-साथ देश की जनता के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. 'भारत' चावल की खुदरा बिक्री शुरू होने से बाजार में सस्ती दरों पर आपूर्ति बढ़ेगी और इससे चावल की कीमतों को लगातार किफायती रखने में मदद मिलेगी. 

29 रुपए किलो की कीमत पर मिलेगा चावल
'भारत' चावल अब केन्द्रीय भंडार, भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (NAFED), और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) के सभी फिजिकल और मोबाइल आउटलेट्स पर उपलब्ध होगा और इसे ई-कॉमर्स प्लेटफार्म व अन्य खुदरा दुकानों तक विस्तारित किया जाएगा. 'भारत' ब्रांड चावल परिवार के अनुकूल 5 किलोग्राम और 10 किलोग्राम बैग में बेचा जाएगा और अधिकतम खुदरा मूल्य 29 प्रति किलो (MRP) रुपये पर बेचा जाएगा.

इन तीन एजेंसियों पर पहले से ही भारत आटा 20 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा जा रहा है. अपने फिजिकल रिटेल स्टोर, मोबाइल वैन के साथ-साथ कुछ अन्य रिटेल नेटवर्क और ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के जरिए 5 किलोग्राम और 10 किलोग्राम पैक में 27.50 प्रति किलोग्राम की दर पर बेचा जा रहा है. 

किफायती कीमतों पर दाल भी 
इसी तरह, भारत दाल (चना दाल) भी इन 3 एजेंसियों पर 60 रुपये प्रति किलो और 30 किलो का पैक 55 रुपये प्रति किलो की दर से मिल रही है. वहीं, प्याज 25 प्रति किलो की दर से मिल रही है. 

'भारत' चावल की बिक्री शुरू होने से, उपभोक्ता इन दुकानों से उचित और किफायती कीमतों पर चावल, आटा, दाल के साथ-साथ प्याज भी ले सकते हैं. इन वस्तुओं की पर्याप्त घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं के निर्यात पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया गया है, जबकि गैर-बासमती चावल के निर्यात पर भी सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है. 

 

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