अब रोड एक्सिडेंट में आएगी कमी , कार-क्रैश टेस्ट में हुआ बड़ा बदलाव

भारत में हर साल करीब 30 लाख कारों की बिक्री होती है. वहीं सरकारी आंकड़ें ये बताते हैं कि 2020 में 355,000 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें 133,000 से ज्यादा मारे गए थे. अब सरकार ने इसे काबू करने के लिए एक बड़ा कमद उठाया है

Major Change To Car-Crash Tests
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 28 जून 2022,
  • अपडेटेड 8:30 PM IST
  • इस साल अप्रैल से लागू होगी नई प्रणाली
  • ये योजना सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की तरफ से उठाए जा रहे कदमों में से ये एक कदम है.

कार एक्सिडेंट को देखते हुए देश कार सेफ्टी में सुधार करने की दिशा में लगातार काम कर रहा है. अब इसी दिशा में एक और पहल की गई है. जिससे सड़कों पर होने वाले कार एक्सिडेंट कम होंगे. इसके लिए कारों के क्रैश परीक्षण में सुधार किया जाएगा. क्रैश परीक्षण में सुधार के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय एक नई सुरक्षा रेटिंग प्रणाली बनाने के लिए योजना पर काम कर रही है. इस योजना के तहत 197 पन्नों का मसौदा तैयार किया गया है. आने वाले हफ्तों में इस मसौदे को अंतिम रूप दे दिया जाएगा. 

इस योजना के तहत कारों की सेफ्टी के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को बेसिक बनाया जाएगा, इसके जरिए हाई स्पीड में चल रही कारों की सुरक्षा और सुधार पर काम किया जाएगा. इस सिलसिले में एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि, भारत में सड़क सुरक्षा नियम  बाहरी देशों के बराबर ही होने चाहिए. इसलिए इन  नए नियमों पर काम किया जा रहा है. 

मंत्रालय के प्रस्ताव के तहत, जिस गति से एक कार क्रैश टेस्ट से गुजरती है, उसे वैश्विक मानक के हिसाब से  56 किमी प्रति घंटे (35 मील प्रति घंटे) से बढ़ाकर 64 किमी प्रति घंटा (40 मील प्रति घंटे) किया जाएगा. दूसरी तरफ दुनिया के चौथे सबसे बड़े कार बाजार भारत में सबसे ज्यादा खतरनाक सड़कें हैं. सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि 2020 में 355,000 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें 133,000 से ज्यादा मारे गए थे. 

मंत्रालय ने इस योजना को बनाने के लिए कई तरह के परीक्षण किए हैं. तब जा कर इस योजना को बनाने पर हामी भरी है. इस योजना में सामने और किनारे से होने वाली कार दुर्घटना शामिल है.  

बता दें कि यह प्रणाली अगले साल अप्रैल से लागू होगी. सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की तरफ से उठाए जा रहे कदमों में से ये एक कदम है. सरकार ने सभी कारों में 6  एयरबैग को अनिवार्य करने का प्रस्ताव भी पारित किया है. पहले कारों में  सिर्फ 2 एयरबैग रहते थे. 

एसएंडपी ग्लोबल मोबिलिटी में लाइट व्हीकल प्रोडक्शन फोरकास्ट के एसोसिएट डायरेक्टर गौरव वांगल ने कहा कि नई प्रणाली कारों को सुरक्षित बनाएगी क्योंकि कंपनियों को अच्छी रेटिंग पाने के लिए अपने वाहन के ढांचे को मजबूत करना होगा, गौरव वांगल ने कहा कि ये प्रणाली महंगी जरूर है लेकिन ये कारगर होगी. 

बता दें कि भारत में हर साल करीब 30 लाख कारों की बिक्री होती है. जिसमें जापानी कार निर्माता सुजुकी मोटर कंपनी मारुति सुजुकी और दक्षिण कोरिया की हुंडई मोटर कंपनी का दबदबा है.

 

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