भारतीय महिला शतरंज टीम ने इतिहास रच दिया है. इस तरह हरिका ओलंपियाड में पदक जीतने वाली पहली खिलाड़ी बन गई है. ये उपलब्धि इसलिए और भी स्पेशल है क्योंकि जिस दौरान हरिका द्रोणवल्ली ये कमाल कर रही थी उस समय वो नौ महीने की प्रेग्नेंट थीं. ग्रैंडमास्टर हरिका द्रोणवल्ली के लिए चेन्नई में 44वें शतरंज ओलंपियाड की जीत खास होने के साथ भावनात्मक भी थी.
कई महीनों का बलिदान है शामिल
भारतीय ए टीम, जिसमें हरिका द्रोणवल्ली, तानिया सचदेव, कोनेरू हम्पी, आर वैशाली और भक्ति कुलकर्णी शामिल हैं, ने संयुक्त राज्य अमेरिका से 1-3 से हारने के बाद महिला वर्ग में कांस्य पदक जीता. हरिका ने आखिरी दो मैच नहीं खेले. हरिका ने बताया कि वो काफी समय से भारत को अपना ऐतिहासिक पदक जीतते हुए देखना चाहती थी. इसमें उनका महीनों का बलिदान भी शामिल है.
उन्होंने 10 अगस्त को किए एक ट्विटर पोस्ट में लिखा, "मेरा हर एक कदम इसे संभव बनाने के लिए समर्पित है." "मैंने तय किया था कि कोई बेबी शॉवर, कोई पार्टी, कोई उत्सव नहीं होगा, सब मेडल जीतने के बाद ही होगा."
पूरा ध्यान मेडल पर था
हरिका ने कहा कि उसे पता चला कि शतरंज ओलंपियाड भारत में आयोजित किया जाएगा. इसके बाद उन्होंने अपने डॉक्टर से सलाह ली और डॉक्टर ने उन्हें आगे बढ़ने के लिए कहा. इसके बाद हरिका का पूरा ध्यान प्रतियोगिता और मेडल जीतने के इर्द-गिर्द ही घूमता रहा.
हरिका ने कहा, "मैं सचमुच पिछले कुछ महीनों से इस पल के लिए जी रही हूं और हां, मैंने इसे बनाया है. भारतीय महिला शतरंज टीम के लिए पहला ओलंपियाड पदक." हरिका की शतरंज खेलने की ये जर्नी 18 साल पुरानी है और इसमें उन्होंने अब तक में नौ ओलंपियाड खेले हैं. उन्होंने कहा, "मैंने हमेशा भारतीय महिला टीम के लिए पोडियम पर रहने का सपना देखा था और आखिरकार इस बार इसे पूरा किया." मैं यह सुनिश्चित करने के लिए हर दिन काम करती थी ताकि मैं अच्छा प्रदर्शन कर सकूं."
महिला टीम के कोच अभिजीत कुंटे ने कहा कि कांस्य पदक की जीत के बाद उम्मीद है कि भारत में महिला शतरंज के लिए बेहतर दिन आएंगे. कुल मिलाकर, भारतीय शतरंज खिलाड़ियों ने नौ पदक के साथ FIDE शतरंज ओलंपियाड 2022 का समापन किया.