वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को लोकसभा में 288-232 के मतों से पारित कर दिया गया है. अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा, और अगर वहां भी यह पारित हो जाता है, तो राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इसे कानून बना दिया जाएगा.
हालांकि, ये पहली बार नहीं है जब ऐसा हो रहा है. भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन को लेकर समय-समय पर कई कानूनी बदलाव किए गए हैं. वक्फ अधिनियमों का मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों की रक्षा करना, उनके प्रशासन को अधिक पारदर्शी बनाना और इन संपत्तियों को मुस्लिम समुदाय के धार्मिक, सामाजिक और परोपकारी कार्यों के लिए सुरक्षित रखना रहा है.
भारत में वक्फ से जुड़े कानूनों की जड़ें मुगल शासन काल से जुड़ी हुई हैं. मुगलों ने बड़ी संख्या में जमीनों को धार्मिक और परोपकारी कार्यों के लिए वक्फ किया था. लेकिन ब्रिटिश शासन के दौरान वक्फ संपत्तियों पर विवाद बढ़ने लगे, और इन संपत्तियों के प्रशासन को लेकर पहली बार कानूनी रूपरेखा तैयार की गई.
1947 में भारत की आजादी के बाद, सरकार ने वक्फ संपत्तियों की देखरेख और प्रशासन के लिए नए कानूनों की आवश्यकता महसूस की, जिसके परिणामस्वरूप 1954, 1995, 2013 और 2022 में महत्वपूर्ण कानूनी संशोधन किए गए.
वक्फ क्या है?
वक्फ एक इस्लामिक परंपरा है जिसमें कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति को धार्मिक, परोपकारी या समाजसेवा के कार्यों के लिए स्थायी रूप से समर्पित कर देता है. एक बार वक्फ घोषित की गई संपत्ति को बेचा, दान किया या किसी व्यक्ति को ट्रंसफर नहीं किया जा सकता. यह संपत्ति आमतौर पर मस्जिदों, मदरसों, अनाथालयों, कब्रिस्तानों, धर्मशालाओं और दूसरी जनकल्याणकारी संस्थानों के लिए इस्तेमाल की जाती है.
वक्फ दो प्रकार के होते हैं:
भारत में वक्फ की शुरुआत
भारत में वक्फ की अवधारणा मुगल शासन के दौरान प्रमुखता से आई. मुगलों ने धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए बड़े पैमाने पर भूमि और संपत्तियों को वक्फ किया. अकबर, शाहजहां और औरंगजेब ने कई महत्वपूर्ण वक्फ संपत्तियां स्थापित कीं. लेकिन अंग्रेजों के शासनकाल में वक्फ संपत्तियों को लेकर विवाद बढ़ने लगे, और ब्रिटिश सरकार ने इनका नियमन करने के लिए कानून बनाने शुरू किए.
वक्फ से जुड़े प्रमुख कानूनी बदलाव (1800 - 2024)
भारत में वक्फ से जुड़े कानूनों को समझने के लिए हमें तीन महत्वपूर्ण चरणों में इसे बांटना होगा:
ब्रिटिश काल (1800 - 1947): वक्फ के लिए शुरुआती कानून
ब्रिटिश शासन के दौरान वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण रखने के लिए कई कानून बनाए गए. ब्रिटिश न्यायपालिका ने कई मामलों में वक्फ संपत्तियों को "निजी संपत्ति" मानकर विवाद पैदा किए, जिससे वक्फ को कानूनी सुरक्षा देने की आवश्यकता महसूस हुई.
1. 1874: बंगाल वक्फ ऐक्ट (Bengal Waqf Act, 1874)
2. 1913: मुस्लिम वक्फ वैधता अधिनियम (Mussalman Wakf Validating Act, 1913)
3. 1923: मुस्लिम वक्फ वैधता (संशोधन) अधिनियम
4. 1934: वक्फ अधिनियम (Waqf Act, 1934)
स्वतंत्र भारत में वक्फ कानून (1947 - 2013)
स्वतंत्रता के बाद सरकार ने वक्फ संपत्तियों के सही प्रबंधन के लिए कई कानून बनाए.
1. 1954: वक्फ अधिनियम (Waqf Act, 1954)
ये वक्फ संपत्तियों के केंद्रीकृत प्रबंधन की दिशा में पहला कदम था. इसका मुख्य उद्देश्य भारत में वक्फ संपत्तियों का प्रशासनिक नियंत्रण स्थापित करना था. साथ ही राज्य स्तर पर वक्फ बोर्डों की स्थापना और एक केंद्रीय वक्फ परिषद (Central Waqf Council) का गठन करना था.
2. 1964: वक्फ अधिनियम में संशोधन
3. 1984: वक्फ अधिनियम में संशोधन
हालांकि, इसमें कई कमियां थीं. वक्फ संपत्तियों के अतिक्रमण को रोकने के लिए इस अधिनियम में पर्याप्त प्रावधान नहीं थे. वक्फ बोर्डों के पास सीमित अधिकार थे. यह कानून वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता को सुनिश्चित करने में विफल रहा.
4. 1995: वक्फ अधिनियम (Waqf Act, 1995)
इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रशासन को और अधिक प्रभावी बनाना था. इसके अलावा, वक्फ ट्रिब्यूनल की स्थापना करना. वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए सख्त प्रावधान लागू करना.
इसके चलते कई बदलाव हुए
लेकिन इसमें भी कई कमियां रहीं. वक्फ ट्रिब्यूनल की प्रक्रिया धीमी रही. क्योंकि वक्फ संपत्तियों का अतिक्रमण रोकने के लिए कठोर दंड प्रावधान नहीं थे. वक्फ बोर्डों पर भ्रष्टाचार और संपत्तियों के गलत उपयोग के आरोप लगते रहे.
5. 2013: वक्फ (संशोधन) अधिनियम (Waqf Amendment Act, 2013)
यह वक्फ कानून में अब तक का सबसे महत्वपूर्ण संशोधन था. इसका मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के अतिक्रमण को रोकने के लिए सख्त प्रावधान लाना था. साथ ही वक्फ बोर्डों को अधिक शक्तियां प्रदान करना. इसके अलावा, भ्रष्टाचार को रोकने के लिए पारदर्शिता सुनिश्चित करना.
इसकी कमियों की बात करें, तो वक्फ संपत्तियों की सही निगरानी के लिए कोई सीधा सिस्टम नहीं बनाया गया. डिजिटल रिकॉर्डिंग की प्रक्रिया बहुत धीमी रही.
हाल के कुछ सालों में वक्फ संपत्तियों के अतिक्रमण और भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर विवाद बढ़े हैं. जिसे लेकर संसद में वक्फ अधिनियम को संशोधित करने की चर्चाएं पिछले एक साल से तेज हुई. इस दौरान भाजपा समेत कई दल वक्फ कानूनों की समीक्षा की मांग की. इसी को देखते हुए 2 अप्रैल को वक्फ पर संसद में एक लंबी बहस चली और वक्फ संशोधन बिल पास हुआ.