भारत में जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ रही है, वैसे-वैसे सड़कों पर गाड़ियों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. हर कोई जल्दी में है, किसी को ऑफिस पहुंचना है, किसी को स्कूल, किसी को बिज़नेस या काम पर जाना है. इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग जल्दी पहुंचने की जल्दबाजी में ट्रैफिक नियमों की अनदेखी कर देते हैं. कई लोगों के इस दौरान चालान भी हो जाते है. लेकिन लोगों में चालान को लेकर कुछ गलतफहमियां हैं.
चालान को लेकर लोगों की गलतफहमियां
अक्सर लोग सोचते हैं कि एक दिन में सिर्फ एक बार ही चालान कट सकता है. उनका मानना है कि अगर सुबह चालान भर दिया, तो उस दिन चाहे कितनी भी बार नियम तोड़ें, अब दोबारा चालान नहीं कटेगा. लेकिन यह सच नहीं है. मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicles Act) के मुताबिक यह पूरी तरह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने कौनसा नियम तोड़ा है. कुछ उल्लंघनों पर चालान सिर्फ एक बार बनता है, वहीं कुछ नियमों को बार-बार तोड़ने पर हर बार चालान काटा जा सकता है।
चालान के प्रकार
ओवरस्पीडिंग के चालान आपके दिन में कई बन सकते हैं. जितनी बार आप ओवरस्पीडिंग करते पकड़े गए, उतने ही चालान बनेंगे. अगर आप सड़क पर स्पीड लिमिट से ज्यादा गाड़ी चलाते हैं, तो यह गंभीर नियम उल्लंघन है. पहली बार ओवरस्पीडिंग पर चालान कटेगा. अगर कुछ किलोमीटर बाद फिर से स्पीड पार की, तो दोबारा चालान बनेगा. हाईवे पर सफर करते समय जितनी बार आप स्पीड लिमिट तोड़ेंगे, उतनी बार आपका चालान काटा जाएगा.
रेड लाइट जंप करना. ट्रैफिक सिग्नल पर न रुककर सीधे गाड़ी निकालना रेड लाइट जंप कहलाता है. इस गलती पर चालान कटता है. अगर आप ऐसा बार-बार करते हैं, तो हर बार चालान बनेगा.
रॉन्ग साइड ड्राइविंग का चालान. कई लोग जल्दी पहुंचने के चक्कर में गाड़ी को उल्टी दिशा (रॉन्ग साइड) में चलाते हैं. यह न सिर्फ कानून का उल्लंघन है, बल्कि बड़े हादसों का कारण भी बन सकता है. इस गलती पर भी हर बार चालान काटा जा सकता है.
हेलमेट न पहनने पर सिर्फ एक बार चालान कटता है. टू-व्हीलर चलाते समय हेलमेट न पहनना ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन है. इस स्थिति में आपका चालान केवल एक बार ही कटेगा. यानी अगर सुबह बिना हेलमेट पकड़े गए और चालान कट गया, तो उसी दिन दोबारा बिना हेलमेट पकड़े जाने पर चालान नहीं बनेगा.
क्या होता है ई-चालान?
आजकल लगभग हर बड़े चौक, चौराहे और सिग्नल पर CCTV कैमरे लगे हुए हैं. अगर आप ट्रैफिक नियम तोड़ते हैं, तो कैमरे में आपकी गाड़ी का नंबर रिकॉर्ड हो जाता है. कुछ ही समय में आपका ई-चालान मोबाइल पर या घर के पते पर भेज दिया जाता है. ई-चालान के मामले में किसी ट्रैफिक पुलिस अफसर की जगह कैमरा काम करता है.