दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एंटी गैंग स्क्वॉड ने एक जबरदस्त कार्रवाई करते हुए नकली लाइफ सेविंग दवाओं का कारोबार करने वाले एक बड़े अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस ऑपरेशन में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें गैंग का सरगना राजेश मिश्रा भी शामिल है.
गिरोह देश के कई हिस्सों में फैला था. यह गिरोह अपना गोरखधंधा मुरादाबाद, देवरिया, गोरखपुर, पानीपत, जींद, बद्दी और सोलन से चल रहा था. गिरोह द्वारा Johnson & Johnson, GSK, Alkem जैसी मशहूर कंपनियों के नाम पर नकली दवाएं तैयार की जाती थी और फिर उन्हें बेचा जाता था.
मुखबिर ने दी सूचना
मुखबिर से हेड कांस्टेबल जितेंद्र को इनपुट मिला कि नकली दवाओं की एक बड़ी खेप दिल्ली लाई जा रही है. इस इनपुट पर 30 जुलाई 2025 को सिविल लाइंस के पेट्रोल पंप पर जाल बिछाया गया. जैसे ही UP नंबर वैगनआर कार वहां पहुंची, उसे रोका गया. कार में बैठे मोहम्मद आलम और मोहम्मद सलीम निवासी मुरादाबाद के पास से भारी मात्रा में नकली Ultracet और Augmentin की गोलियां मिलीं.
मौके पर पहुंचे Johnson & Johnson और GSK के प्रतिनिधियों ने पैकिंग और स्टैंपिंग को नकली घोषित किया. बाद में लैब टेस्ट में भी यह पुष्टि हुई. आपको मालूम हो कि ये नकली दवाएं यदि किसी मरीज द्वारा ली जाती हैं तो इससे गंभीर स्वास्थ्य संकट या जान तक जा सकती थी. ये देश की सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था और फार्मा कंपनियों की साख के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकती थी.
ऐसे चलाया जा रहा था नकली दवाओं का रैकेट
1. नकली दवाओं का रैकेट बहुत ही संगठित और हाई-टेक तरीके से चलाया जा रहा था.
2. सोशल मीडिया जैसे Facebook से संपर्क शुरू होता था.
3. नकली दवाओं की पैकेजिंग बॉक्स अलग-अलग जगह से खरीदे जाते थे.
4. बड्डी (HP) से फॉयल और ब्लिस्टर पैकिंग का सामान मंगाया जाता था.
5. जींद (हरियाणा) और बड्डी (HP) में फैक्ट्रियों में नकली दवाएं तैयार की जाती थीं.
6. रेल और रोड से इन दवाओं की सप्लाई होती थी.
7. फर्जी खातों और हवाला चैनलों के जरिए पैसों का लेनदेन होता था.
गिरफ्तार आरोपी और उनकी भूमिका
1. मोहम्मद आलम (35), मुरादाबाद: नकली दवाओं की NCR में सप्लाई का जिम्मेदार. कार से पकड़ा गया.
2. मोहम्मद सलीम (42), मुरादाबाद: आलम का भाई, सप्लाई और ट्रांसपोर्ट में मदद करता था.
3. मोहम्मद जुबैर (29), मुरादाबाद: फेक दवाओं का सप्लायर. वाट्सएप चैट और पैसों के लेन-देन से उसकी भूमिका साबित.
4. प्रेम शंकर प्रजापति (25), देवरिया: मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से दवाएं लेकर डिस्ट्रीब्यूटर्स तक पहुंचाने का जिम्मेदार.
5. राजेश मिश्रा (52), गोरखपुर: इस रैकेट का मास्टरमाइंड. नकली दवा बनाने और पूरे नेटवर्क का संचालन करता था.
6. परमानंद (50), जींद: 'लक्ष्मी मां फार्मा' नाम से यूनिट चलाता था जहां नकली Ultracet बनाई जाती थी.
क्या-क्या हुआ बरामद
1. Ultracet (Johnson & Johnson): 9015 टैबलेट
2. Augmentin 625 (GSK): 6100 टैबलेट
3. Pan-40 (Alkem): 1200 टैबलेट
4. Betnovate-N (GSK): 1166 ट्यूब
5. Amoxycillin: 25650 टैबलेट
6. PCM: 5900 टैबलेट
7. Kanacort Injection (Steroid): 74 बॉक्स
8. Proyco SPAS: 12000 टैबलेट
फैक्ट्री से मिला
1. 150 किलो लूज टैबलेट.
2. 20 किलो लूज कैप्सूल.
3. 10 रोल फॉयल.
4. Zerodol SP, Pantop DSR जैसी हजारों टैबलेट्स के पैक.
पैकिंग बॉक्स भी जब्त
1. Zerodol SP- 900 बॉक्स
2. Pantop DSR- 300 बॉक्स
3. Clavam 625- 10 बॉक्स
4. Veef-O LB- 200 बॉक्स
5. Vemox-625 LB- 1000 बॉक्स
6. अन्य ब्रांडेड दवाओं के खाली डिब्बे
(अरविंद ओझा की रिपोर्ट)