IAS arrested in Odisha: मैं देश के लिए कुछ करना चाहता हूं... देश को अपना जीवन समर्पित करना चाहता हूं... गरीबों के लिए काम करना चाहता हूं. भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना देखने वाले कई यूपीएससी एस्पिरेंट ऐसी ही बातें दोहराते हुए नज़र आ जाते हैं. इसी तरह के शब्द बोलने वाले धिमान चकमा आईएसएस बन भी गए. लेकिन अब उनके संबंध में बेहद शर्मनाक खबर सामने आ रही है.
'मैं देश की सेवा करना चाहता हूं' कहने वाले आईएएस (Indian Administrative Service) अधिकारी धिमान चकमा एक स्थानीय व्यवसायी से 10 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार हो गए हैं. कालाहांडी जिले के धरमगढ़ के सब-कलेक्टर चकमा को उनके आवास पर ऐसा करते हुए गिरफ्तार किया गया. उन्होंने उस व्यवसायी को प्रशासनिक एक्शन की धमकी देते हुए 20 लाख रुपए रिश्वत मांगी थी.
घर बुलाकर मांगी घूस
आरोपी सब-कलेक्टर ने शिकायतकर्ता को धरमगढ़ स्थित अपने सरकारी आवास पर बुलाया और रिश्वत की रकम ली. उन्होंने अलग-अलग मूल्यवर्ग के 100 के नोटों के 26 बंडलों को अपने दोनों हाथों से जांचा और उन्हें अपने आवास कार्यालय की मेज की दराज में रख लिया. विजिलेंस की आधिकारिक प्रेस रिलीज़ के अनुसार, हैंड वॉश और टेबल ड्रॉअर वॉश दोनों ने ही सकारात्मक केमिकल प्रतिक्रिया दी.
इसके बाद चकमा के सरकारी आवास पर तलाशी के दौरान 47 लाख रुपये नकदी बरामद की गई. इस संबंध में विजिलेंस प्रकोष्ठ थाने में पीसी अधिनियम, 1988 की धारा सात के तहत मामला पंजीकृत किया गया है.
सामने आया पुराना वीडियो
चकमा की गिरफ्तारी के बाद उनका एक वीडियो सामने आया, जिसमें वह देश और पूर्वोत्तर राज्यों की सेवा की बात करते हुए देखे जा सकते हैं. सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में चकमा कहते हैं, "यह परीक्षा पास करना सिर्फ सफर की शुरुआत है. सफर का अंत नहीं है. मेरा सपना हमेशा से रहा है कि मैं अपने देश के लिए और पूर्वोत्तर के लिए कुछ करूं. यह क्षेत्र अब भी पिछड़ा हुआ है."
यूपीएससी परीक्षा में 722वीं रैंक हासिल करने वाले चकमा ने कहा था, "हम आर्थिक रूप से पिछड़े हुए और सामाजिक रूप से बंटे हुए हैं. मैं इन चीज़ों पर काम करना चाहूंगा ताकि भविष्य में लोग बेहतर जीवन गुज़ार सकें." देश और पूर्वोत्तर के उत्थान की बातें करने वाले चकमा अब गिरफ्तार हो गए हैं. अग्रिम जांच में अगर उनके ऊपर आरोप साबित हो जाते हैं तो कड़ी कार्रवाई होने की उम्मीद है.