भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने शुक्रवार को नवंबर महीने के लिए मौसमी पूर्वानुमान जारी कर दिया है. इसमें बताया गया है कि नवंबर में ज्यादातर भारत में मौसम सुहाना रहेगा. दिन के तापमान सामान्य से कम या सामान्य रहेंगे, जबकि रातें उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश इलाकों में सामान्य से गर्म रहने की संभावना है. इस महीने देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है. यह पूर्वानुमान ला नीना प्रभाव, उत्तर-पश्चिमी हवाओं और समुद्री स्थितियों पर आधारित है, जो सर्दियों की शुरुआत में मौसम को प्रभावित करेगा.
देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक होगी बारिश
आईएमडी के डायरेक्टर जनरल मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि नवंबर में देश के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से कम अधिकतम तापमान रहने की संभावना है जबकि पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र, उत्तर-पूर्व भारत और दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों में दिन का तापमान सामान्य से ज्यादा रहने का अनुमान है. रात का तापमान उत्तर-पश्चिम भारत खासकर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान को छोड़कर बाकी जगहों पर सामान्य से गर्म रहने की संभावना है.
आईएमडी प्रमुख ने कहा कि उत्तर-पश्चिम भारत और दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर, जहां नवंबर में सामान्य से कम वर्षा होने की उम्मीद है, वहीं देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा होने का अनुमान है. मौसम विभाग ने बताया कि सर्दियों के महीनों में दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में उत्तर-पूर्व मॉनसून के दौरान सामान्य वर्षा की संभावना है. यह मॉनसून तमिलनाडु के लिए मुख्य वर्षा ऋतु माना जाता है. IMD ने कहा कि तमिलनाडु, कराईकल, पुडुचेरी, तटीय आंध्र प्रदेश, यानम, रायलसीमा, केरल, माहे और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में नवंबर माह में सामान्य वर्षा होने की उम्मीद है, जो लंबी अवधि के औसत के 77 से 123 प्रतिशत के बीच रह सकती है.
कब तक बनी रहेगी ला नीना की स्थिति
मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि मध्य और पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में कमजोर ला नीना की स्थिति बनी हुई है. ला नीना की स्थिति फरवरी 2026 तक बनी रहने का अनुमान है. ला नीना एक स्पेनिश शब्द है, जिसका अर्थ छोटी बच्ची होता है. ला नीना के प्रभाव से प्रशांत महासागर के ऊपरी पानी का तापमान सामान्य से काफी नीचे चला जाता है. ला नीना का प्रभाव प्रशांत महासागर के भूमध्यरेखीय क्षेत्र जिसे विषुवत रेखा भी कहते हैं में ज्यादा दिखता है. ला नीना के कारण हिंद महासागर के एरिया में ज्यादा तूफान और चक्रवात आते हैं. भारत में ला नीना की वजह से ज्यादा ठंड और बारिश की संभावना होती है.
ठंड के साथ पड़ सकता है कोहरा
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि नवंबर का महीना मॉनसून के वापस लौटने और सर्दियों की शुरुआत के बीच बदलाव का समय होता है. उत्तर भारत में नवंबर महीने में तापमान गिरने से ठंड बढ़ सकती है. दिल्ली, यूपी, बिहार समेत देश के कई राज्यों में कोहरा पड़ सकता है.
किसानों को सलाह
मौसम विभाग ने आने वाले धान की कटाई की सीजन को देखते हुए किसानों के लिए सलाह जारी की है. विभाग ने कहा कि फसल कटाई और भंडारण में सावधानी बरतें, खासकर उत्तर भारत में जहां हल्की बारिश हो सकती है. वहीं, दिल्ली-एनसीआर के लिए भी खुशखबरी जारी की गई है. बताया गया है कि शहरों में प्रदूषण कम होने की संभावना है क्योंकि हवाओं की रफ्तार बढ़ेगी तो प्रदूषण भी दिल्ली से बाहर जाएगा.
इस साल अक्टूबर सामान्य से रहा ठंडा
मौसम विभाग के मुताबिक इस साल अक्टूबर का महीना सामान्य से ठंडा रहा. अक्टूबर में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में 2 चक्रवातों, दक्षिण प्रायद्वीप में समय पर उत्तर-पूर्वी मॉनसून की शुरुआत और उत्तर भारत में चार पश्चिमी विक्षोभ के कारण देश में 112 मिमी से अधिक बारिश हुई, जो सामान्य से 49% ज्यादा है. यह 2001 के बाद दूसरी सबसे अधिक और 1901 के बाद 16वीं सबसे अधिक अक्टूबर बारिश थी. 2025 ऐसा साल है जब जनवरी से सितंबर तक कोई चक्रवात नहीं बना. IMD के महानिदेशक मृत्युंजय मोहापात्रा ने बताया कि 2025 कोई अपवाद नहीं है. इससे पहले भी साल 1938, 1949, 1980, 1983, 1984, 1986, 1988, 1993, 1995, 2011 और 2012 में जनवरी से सितंबर के बीच कोई चक्रवात विकसित नहीं हुआ था.