भारत ने आज वह कर दिखाया, जिसकी गूंज आने वाले दशकों तक पूरी दुनिया सुनेगी. रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने सोमवार को 15 साल का महाआयुध रोडमैप जारी किया है. इस रोडमैप में भविष्य की जंगों को ध्यान में रखते हुए ऐसे हथियारों और तकनीकों पर जोर दिया गया है, जिन्हें अब तक सिर्फ फिल्मों या साइंस फिक्शन में देखा जाता था.
हाइपरसोनिक से लेकर न्यूक्लियर प्रोपल्शन तक
इस रोडमैप का फोकस है- न्यूक्लियर प्रोपल्शन, हाइपरसोनिक मिसाइल्स, अनमैन्ड सिस्टम्स और नेक्स्ट-जेनरेशन टैंक्स. यानी अब भारत उन हथियारों और टेक्नोलॉजी पर दांव लगाने जा रहा है, जो 2035 तक युद्ध का चेहरा पूरी तरह बदल देंगे.
डॉक्यूमेंट के मुताबिक,
भविष्य की जंग होगी ‘टेक्नोलॉजी वॉर’
डिफेंस एक्सपर्ट मेजर जनरल डीसी कटोच (रिटायर्ड) ने इस रोडमैप पर कहा, “यह प्लान इस बात की गवाही है कि भारत मान चुका है, आने वाले समय में जंग सिर्फ गोलियों और बमों से नहीं, बल्कि cutting-edge technologies से लड़ी जाएगी. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, अनमैन्ड सिस्टम्स और हाइपरसोनिक्स पर फोकस कर हम अगली पीढ़ी की जंग के लिए तैयार हो रहे हैं.”
आर्मी, नेवी और एयरफोर्स की ‘विश लिस्ट’
आत्मनिर्भर भारत का बड़ा कदम
डिफेंस एक्सपर्ट मेजर जनरल संजय सोई (रिटायर्ड) ने कहा, “सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार फोकस सिर्फ मॉडर्नाइजेशन पर नहीं बल्कि इंडिजिनस डेवलपमेंट पर भी है. यह रोडमैप आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत आयात पर निर्भरता घटाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है.”
दुनिया को संदेश
यह 15 साल का डिफेंस रोडमैप साफ दिखाता है कि भारत अब सिर्फ रिएक्ट करने वाली ताकत नहीं, बल्कि भविष्य की जंगों का लीडर बनने की तैयारी में है. चाहे न्यूक्लियर प्रोपल्शन हो या हाइपरसोनिक हथियार- आने वाले वक्त में भारतीय सेना के पास ऐसे साधन होंगे, जिनके सामने दुश्मन सोचने तक से डरेंगे.
(शिवानी की रिपोर्ट)