रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारतीय दौरे पर हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एयरपोर्ट पर पुतिन को गले लगाकर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. इंडिया टुडे ग्रुप ने राष्ट्रपति पुतिन का भारत दौरे से पहले एक्सक्लूसिव इंटरव्यू किया है. रूस की राजधानी मॉस्को के क्रेमलिन में टीवी टुडे नेटवर्क ग्रुप की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और टीवी टुडे नेटवर्क की फॉरेन अफेयर्स सीनियर एग्जीक्यूटिव एडिटर गीता मोहन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का इंटरव्यू किया. इसमें पुतिन ने कई मुद्दों पर बात किया.
क्या दुनिया में हो रहा बदलाव
राष्ट्रपति पुतिन से जब पूछा गया कि क्या दुनिया बदल रही है. इस पर पुतिन ने कहा कि दुनिया हमेशा बदलती रहती है. आजकल बदलाव की गति बहुत तेज हो गई है. हम इसे महसूस कर सकते हैं, देख सकते हैं. मैंने पहले भी इसका जिक्र किया है. यह आर्थिक बदलाव है. यह बदलाव यूक्रेन या अन्य संघर्ष क्षेत्रों से नहीं है. यह वैश्विक बदलाव है. इस पर घंटों बातचीत हो सकती है. इस समय दुनिया में विकास के नए केंद्र बन रहे हैं. यह बदलाव खासकर साउथ एशिया में बन रहा है. सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि इंडोनेशिया केंद्र बन रहा है. ये दोनों तेज तेजी से विकास कर रहे हैं. अफ्रीका भी तेजी से विकास कर रहा है. आज भारत क्रय शक्ति के आधार पर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. यहां युवा आबादी है. यहां के विकास को रोका नहीं जा सकता है. पुतिन ने कहा कि रूस ग्लोबल साउथ के देशों से बहुत पहले से दोस्ती करके चल रहा है.
...तो इसलिए जी-8 में जाना छोड़ दिया
जब राष्ट्रपति पुतिन से G8 से बाहर होने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसका खुलकर जवाब दिया. पुतिन ने कहा कि आखिर जी-8 के देश अपने आप को ग्रेट क्यों मानते हैं. मुझे ये समझ में नहीं आता है. रूस और यूक्रेन के विवाद के चलते मैंने जी-8 में जाना नहीं छोड़ा बल्कि मैंने बहुत पहले ही इसके बैठकों में जाना छोड़ दिया था. इसका यूक्रेन विवाद से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा की जी-8 में उनकी कोई दिलचस्पी रूचि नहीं है. इस संबंध में उन्होंने अमेरिका को भी जानकारी दे दी है. पुतिन ने कहा कि रूस और यूरोपीय संघ के मौजूदा संबंध बहुत अच्छे नहीं हैं. ऐसे में जी-8 जैसी बैठकों में शामिल होने से कोई व्यावहारिक लाभ नहीं दिखता.
पुतिन ने कहा कि यदि जी-8 के सदस्य देश संवाद की इच्छा ही न दिखाएं तो ऐसी बैठक में किसी तरह की सार्थक बातचीत कैसे संभव है. पुतिन ने कहा कि 2012 में रूस के राष्ट्रपति चुनाव के बाद उन्होंने इस मंच से दूरी बनानी शुरू की थी. हालांकि वे कुछ समय के लिए फिर शामिल हुए, लेकिन उसके बाद पूरी तरह दूर हो गए. रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि आज BRICS, SCO और G20 जैसे बड़े प्लेटफॉर्म कहीं ज्यादा सक्रिय और प्रासंगिक हैं और रूस इन सभी में पूरे उत्साह के साथ हिस्सा ले रहा है. आपको मालूम हो कि G8 के सदस्य देशों में यूएस, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, कनाडा, जापान और रूस शामिल थे. अब रूस की सदस्यता निलंबित कर दी गई. इसके बाद यह समूह फिर से G7 बन गया है.
भारत एक शक्तिशाली देश है
जब पुतिन से पूछा गया कि क्या पश्चिमी देशों के दबाव का असर रक्षा क्षेत्र में खरीद पर पड़ेगा. क्या आप पीछे हटेंगे या और जोर के साथ रक्षा क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे. इसपर पुतिन ने कहा कि मैं समझता हूं कि भारत से आज दुनिया का कोई भी देश वैसे बात नहीं कर सकता, जैसे आज से 77 साल पहले किया करता था. भारत एक शक्तिशाली देश है और वो पहले की तरह ब्रिटिश शासन की अधीन नहीं है और ये बात सभी को समझनी होगी. खासतौर से प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में अब भारत विदेशी दबाव में नहीं आने वाला. पुतिन ने कहा कि भारत के लोग गर्व कर सकते हैं कि उनका प्रधानमंत्री किसी के दबाव में काम नहीं करता. साथ ही, वो किसी के साथ टकराव का रास्ता भी नहीं अपनाते. दरअसल हम किसी के साथ टकराव नहीं चाहते हैं, केवल अपने वैध हितों की रक्षा चाहते हैं. पुतिन ने कहा कि हमारा 90 फीसदी से ज्यादा लेनदेन हमारी राष्ट्रीय मुद्रा में होता है. हालांकि बिचौलियों को लेकर थोड़ी समस्या आती है. लेकिन इसके लिए हम साझा व्यवस्था बना सकते हैं.