Gujarat High Court: भारत में रॉन्ग साइड गाड़ी चलाना पड़ा भारी, कुवैत में हो सकते हैं ब्लैक लिस्ट.. पासपोर्ट रिन्यू के लिए लगाई कोर्ट से गुहार

पासपोर्ट रिन्यू करवाने गए मोहसिन का पासपोर्ट भारतीय दूतावास के आदेश से जब्त कर लिया गया है. जिसको लेकर मोहसिन ने गुजरात हाई कोर्ट से मदद की गुहार लगाई है.

gnttv.com
  • गुजरात ,
  • 23 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:40 AM IST
  • एक साल पुराने मामले में हुआ पासपोर्ट जब्त
  • गुजरात हाई कोर्ट में लगाई मदद की गुहार

कुवैत में रहने वाले 46 वर्षीय मोहसिन सुरती ने अपनी नौकरी और पासपोर्ट बचाने के लिए गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. महिसागर में रहने वाली अपनी पत्नी के माध्यम से गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए उन्होंने कहा कि वह पिछले 25 साल से कुवैत में वैध वर्क परमिट से काम कर रहे हैं. भारतीय दूतावास के इस फैसले से कुवैत में उनका रोज़गार और निवास की स्थिति गंभीर खतरे में पड़ गई है. पासपोर्ट रिन्यू न होने पर उन्हें बलपूर्वक निर्वासित कर दिया जाएगा, जिससे उनका नाम स्थायी रूप से ब्लैकलिस्ट में डाला जाएगा और भविष्य में उन्हें कभी भी कुवैत या किसी अन्य खाड़ी देश में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इससे उनकी आजीविका खतरे में पड़ जाएगी

क्या है मोहसिन का कहना
उनका पासपोर्ट, जो 2016 में जारी किया गया था, 30 जनवरी 2026 को समाप्त हो रहा है. इसलिए उन्होंने 7 अगस्त 2025 को कुवैत स्थित भारतीय दूतावास में इसके नवीनीकरण के लिए आवेदन किया. उन्हें 25 अगस्त 2025 को जवाब मिला, जिसमें कहा गया कि उन पर पुलिस केस होने के कारण पासपोर्ट रिन्यू नहीं हो पाएगा. जब उन्होंने कुवैत स्थित भारतीय दूतावास में अपना पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए आवेदन किया, तो इसे यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया गया कि उनके खिलाफ एक आपराधिक मामला लंबित है. उनसे मामले की क्लोजर रिपोर्ट या अस्थायी पासपोर्ट के लिए अदालती आदेश मांगा गया.

इसके बाद उन्होंने जांच की तो पता चला कि जब वह साल 2024 में भारत आए थे, तब उनके खिलाफ लुनावाड़ा पुलिस स्टेशन में रॉन्ग साइड ड्राइविंग और लापरवाही से गाड़ी चलाने का मामला दर्ज किया गया था, जिसे उन्होंने वकील रखकर निपटा लिया था. पर अभी भी वह केस अदालत में पेंडिंग होने की वजह से भारतीय दूतावास उनसे क्लोजर रिपोर्ट या अस्थायी पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए अदालती आदेश मांग रहा है.

याचिकाकर्ता ने अपनी अर्जी में कहा कि उन्हें भारतीय दूतावास के जवाब से पहली बार पता चला कि उनके खिलाफ अदालत में मामला दर्ज है. उन्होंने अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए सुनवाई में शामिल होने और ज़रूरत पड़ने पर कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने की भी तैयारी दिखाई है.

(ब्रिजेश दोशी की रिपोर्ट)

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