भारतीय नौसेना का पश्चिमी बेड़ा मुंबई से संचालित होता है. यह पूरी तरह से तैनात और किसी भी हमले का जवाब देने के लिए तैयार है. इस बेड़े में शामिल है भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत, जिसे पहलगाम आतंकी हमले के बाद अरब सागर में करवर तट के पास तैनात किया गया था. बाद में इसे करवर बंदरगाह पर भेजा गया.
INS विक्रांत एक शक्तिशाली कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा है. इस ग्रुप में शामिल हैं: एक विमानवाहक पोत, विध्वंसक (Destroyers), फ्रिगेट, पनडुब्बी रोधी युद्धपोत और अन्य सहायक जहाज.
यह पूरा स्ट्राइक ग्रुप वायु, सतह और पनडुब्बी हमलों से पूरी तरह से सुरक्षा कवच देता है. यह यूनिट इतनी सक्षम है कि किसी भी समय पाकिस्तानी नौसेना को चुनौती दे सकती है, और कराची व ग्वादर बंदरगाह तक भारी नुकसान पहुंचाने में सक्षम है.
INS विक्रांत की विशेषताएं:
स्वदेशी निर्माण
आकार और क्षमता
तकनीकी क्षमता
हथियार प्रणाली:
डिजाइन और टेक-ऑफ सिस्टम
साथ ही, आईएनएस विक्रांत में 18 फ्लोर (मंजिलें) और 14 डेक हैं, जिनमें 2300 कंपार्टमेंट्स बने हुए हैं. इसमें लगभग 1600 नौसैनिकों के रहने की सुविधा है, जिनमें महिला अधिकारियों के लिए विशेष केबिन भी शामिल हैं. इस विमानवाहक पोत में मौजूद तीन पैंट्रीज़ एक साथ लगभग 600 लोगों का भोजन तैयार करने और परोसने की क्षमता रखती हैं. इसके अतिरिक्त, पोत में 16-बेड वाला अस्पताल, 2 ऑपरेशन थिएटर, आईसीयू और आइसोलेशन वार्ड भी हैं.