Cyber Fraud: टेलीग्राम पर देते थे टास्क और मोटी कमाई का लालच, बाद में सफाचट कर जाते बैंक अकाउंट.. जानें कैसे दोस्ती बनी अपराध का सिंडिकेट

बागपत पुलिस ने उस साइबर गैंग का पर्दाफाश कर दिया है, जिसने डिजिटल अरेस्ट के नाम पर करोड़ों रुपये उड़ाए. ठगी का खेल कोई प्रोफेशनल गिरोह नहीं बल्कि 8 दोस्तों की टोली चला रही थी, जबकि इसका सरगना मनीष दुबई से बैठकर पूरे नेटवर्क को कंट्रोल करता था.

gnttv.com
  • बागपत,
  • 02 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 7:38 AM IST

बागपत पुलिस ने एक इंटरनेशनल साइबर गैंग का भंडाफोड़ किया है, जो टेलीग्राम टास्क और डिजिटल अरेस्ट के नाम पर करोड़ों की ठगी कर चुका है. यह गैंग कोई बाहरी नहीं बल्कि 8 दोस्तों का ग्रुप चलाता था. इन्होंने मिलकर एक ऐसा नेटवर्क तैयार किया था कि चंद मिनटों में लोगों के खाते साफ हो जाते थे. इस पूरे खेल का मास्टरमाइंड मनीष नाम का युवक है, जो फिलहाल दुबई में बैठकर पूरा गिरोह चला रहा है, जबकि उसके बाकी 8 साथी अब सलाखों के पीछे हैं.

कैसे चढ़े पुलिस के हत्थे?
पुलिस को जानकारी मिली थी कि विजय नाम के युवक से डिजिटल अरेस्ट के जरिए 7 लाख रुपए की ठगी की गई. साइबर टीम ने जांच शुरू की तो परत दर परत सच सामने आता चला गया. पुलिस ने हर्ष गोयल, तुषार, आमिर, विशु तोमर, ललित, उज्ववल और आरिफ समेत 8 युवकों को गिरफ्तार कर लिया. 

पूछताछ में हर्ष ने कबूल किया कि उसकी मुलाकात मोहित नाम के शख्स से हुई थी, जिसने ऑनलाइन फ्रॉड का रास्ता दिखाया. इसके बाद हर्ष ने तुषार और ललित को अपने साथ जोड़ा और बताया कि किस तरह से खाते खुलवाने हैं, कैसे लोगों को फंसाना है और पैसे हड़पने हैं. धीरे-धीरे इस खेल में बाकी दोस्त भी शामिल होते चले गए और गैंग तैयार हो गया.

कैसे देते फ्रॉड को अंजाम?
गिरोह का तरीका बेहद शातिर था. सबसे पहले लोगों को टेलीग्राम पर टास्क दिया जाता. टास्क पूरा करने के बाद सामने वाले को मोटा मुनाफा मिलने का लालच दिखाया जाता. जैसे ही शिकार पैसे ट्रांसफर करता, उसका पूरा अकाउंट पलक झपकते खाली कर दिया जाता और फिर खाते को बंद कर दिया जाता. यही वजह है कि इस गिरोह ने न सिर्फ यूपी बल्कि देशभर में डिजिटल अरेस्ट की बड़ी वारदातों को अंजाम दिया. इनमें कोलकाता में हुई बड़ी ठगी भी शामिल है.

कई एटीएम कार्ड और क्रेडिट कार्ड बरामद
पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी के बाद भारी मात्रा में ATM, क्रेडिट कार्ड और कई बैंक खातों की डिटेल्स बरामद की हैं. इतना ही नहीं, इनके पास से एक थार और स्कॉर्पियो जैसी लग्जरी गाड़ी भी जब्त की गईं. पुलिस का कहना है कि इस गैंग ने इंटरनेशनल लेवल तक अपना नेटवर्क फैला रखा है और अब सरगना मनीष को दुबई से लाने की तैयारी भी शुरू कर दी गई है. यानी दोस्तों की महफिल से शुरू हुआ यह गैंग देखते-देखते एक इंटरनेशनल साइबर सिंडिकेट में बदल गया और डिजिटल ठगी के जरिए करोड़ों की कमाई कर डाली. लेकिन अब बागपत पुलिस की सटीक कार्रवाई ने इनका खेल खत्म कर दिया है.

-मनुदेव की रिपोर्ट

 

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