Bikaru Kand: विकास दुबे ने जिन पुलिसवालों को मारी थी गोली, अब पुलिस विभाग उन जख्मी पुलिसवालों से वापस मांग रहा इलाज का खर्च

कानपुर के बिकरु कांड में घायल पुलिसवालों को इलाज में खर्च हुए पैसे पुलिस विभाग को लौटाने हैं. विभाग ने इसको लेकर नोटिस दिया है. बिकरु गांव में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने 8ल पुलिसवालों की हत्या की थी. जबकि इस हमले में 5 पुलिसवाले जख्मी हुए थे. उनके इलाज में साढ़े 6 लाख रुपए खर्च हुए. अब विभाग ये पैसा वापस मांग रहा है.

Kanpur Police
gnttv.com
  • कानपुर,
  • 13 जून 2025,
  • अपडेटेड 7:18 PM IST

उत्तर प्रदेश में कानपुर के बिकरु गांव में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने पुलिसवालों पर गोलियां चलाई थी. जिसमें 8 पुलिसवालों की मौत हुई थी. जबकि 5 पुलिसवाले जख्मी हुए थे. 5 साल बाद पुलिस विभाग जख्मी पुलिसवाले से इलाज का खर्च वापस मांग रहा है. अगर पुलिसवाले इलाज का खर्च नहीं लौटाएंगे तो ये पैसा उनकी सैलरी से काट लिया जाएगा. घायलों में एक थानेदारस, दो दारोगा और दो सिपाही शामिल थे.

पुलिस विभाग ने वापस मांगा इलाज का पैसा-
पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद विकास दुबे समेत उसके छह साथियों की एनकाउंटर किया गया था. जिसको लेकर पुलिस की बड़ी तारीफ हुई थी. जो पुलिसकर्मी विकास दुबे की गोलियों से घायल हुए थे, उनका कानपुर के सबसे बड़े प्राइवेट नर्सिंग होम में इलाज हुआ था. उनके इलाज के लिए पुलिस की तरफ से जीवन रक्षक निधि से साढ़े 6 लाख रुपए दिए गए थे. हैरानी की बात ये है कि अब इलाज के पैसे इन पुलिसकर्मियों से 5 साल बाद वापस मांगे जा रहे हैं. इसके लिए उनको नोटिस भी दिया गया है.

नियम के तहत वापस मांगे गए पैसे- जॉइंट पुलिस कमिश्नर
कानपुर के जॉइंट पुलिस कमिश्नर आशुतोष कुमार ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि पुलिस में जीवन रक्षक निधि से जो पैसा दिया जाता है, उसको वापस करना होता है. इस मामले में मुझे ज्यादा पता नहीं है. लेकिन ये लोग अपने मेडिकल का जो भी बिल लगाएंगे, वह सरकार से उनको वापस मिलेगा. यह एक तरह का लोन होता है. जिस पर ब्याज नहीं लगता है.

जख्मी पुलिसवालों ने क्या कहा?
विकास दुबे की गोलियों से घायल हुए 5 पुलिसकर्मियों का कहना है कि हमने तो उसमें पैसा कोई मांगा नहीं था, उस समय हमें अपनी तरफ से पुलिस विभाग ने पैसा दिया. जिसमें ज्यादातर इलाज में खर्च हुआ, क्योंकि हॉस्पिटल के बाद भी हमारा इलाज चलता रहा. जो पैसा बचा, वह भी हमारे परिवार में खर्च हो गया. उस समय हमें नहीं बताया गया था कि यह पैसा वापस देना पड़ेगा. नहीं तो हम लेते ही नहीं. हम अपने पैसे से धीरे-धीरे किसी तरह इलाज करा लेते. इस मामले में उस समय विकास दुबे की गोली से घायल हुए थाने के तत्कालीन थानेदार कौशल प्रताप सिंह का कहना है कि अब हमें पैसा कहां से वापस करें. हम तो सरकारी ड्यूटी पर गए थे, वहां अपराधियों की गोली से घायल हुए. हम सभी लोगों का इलाज तो सरकार को अपनी तरफ से करना चाहिए. खुद मुख्यमंत्री हम लोगों को देखने आए थे, तो उन्होंने कहा था कि इनके इलाज में कोई ढील नहीं होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि हम सभी घायल इलाज के बाद ठीक हो करके अलग-अलग जिलों में अपनी पोस्टिंग पर चले गए हैं. अचानक हमको कानपुर पुलिस मुख्यालय से पैसे को वापस करने का नोटिस आया है. बताइए इस समय हम कहां से बिल लाएं, इस मामले में दारोगा अजय कश्यप का कहना है कि हमने अपने इलाज का कोई बिल विभाग से रिफंड नहीं लिया. बताइए हम बिल कहां से लाएं और उसके बाद जो घरों में हमारा इलाज हुआ, अभी तक जो गोलियां लगी थी, उनका असर हमारे शरीर में देखा जा सकता है. यह तो हमारे विभाग ही हमें सता रहा है. 

दारोगा सुधाकर पांडे का कहना है कि हम अब रिटायरमेंट के करीब पहुंच रहे हैं, ऐसे में अपने परिवार के लिए जो कर पाएं तो कर पाएं. अब ये साढ़े 6 लाख रुपए हम कहां से वापस करें. मेरे चेहरे में गोलियां लगी थी, इनके निशान अभी तक बने हैं. ऊपर से मेरे ही विभाग में एक और नोटिस भेज कर मेरे दिल में निशाना बना दिया है, क्या करें?

यह समझने वाली बात है और जिस घटना में आठ पुलिसकर्मी मारे गए हों, पांच किसी तरह बच गए हों, इलाज से ठीक हो गए हों, उनके विभाग को खुद सहानुभूति रखनी चाहिए. अब देखना है  कि इसमें पुलिस विभाग इन पुलिसकर्मियों के साथ कौन सी कार्रवाई करता है? अगर यह पैसा नहीं दे पाएंगे तो उनकी सैलरी से कैसे 20 फीसदी के हिसाब से पैसा कटता है, क्योंकि नोटिस में कहा गया है कि अगर आप पैसा नहीं देंगे तो आपकी सैलरी से 20 फीसदी प्रति महीने के हिसाब से काटा जाएगा.

(रंजय सिंह की रिपोर्ट)

ये भी पढ़ें:

 

Read more!

RECOMMENDED