आज के दौर में पर्यावरण को सबसे बड़ा खतरा प्लास्टिक से है. इसके उपयोग को पूरी तरह बंद करने के लिए बाबा केदार के धाम से खास अभियान की शुरुआत हो चुकी है. केदारनाथ धाम में यह कार्य बड़े स्तर पर किया जा रहा है और अब यह अभियान पूरी केदारघाटी को प्लास्टिक मुक्त करने की दिशा में आगे बढ़ने लगा है.
कलेक्शन सेंटरों पर लौटाने की सुविधा दी जा रही
केदारधाम को प्लास्टिक-मुक्त बनाने के लिए अब खास पहल की गई है. इसके तहत यहां पर प्लास्टिक का कूड़ा फैलाने से रोकने के मकसद से तीर्थयात्रियों में न केवल जागरुकता बढ़ाई जा रही है. बल्कि, उन्हें ये सामान इधर-उधर फेंकने के बजाय खासतौर से बने कलेक्शन सेंटरों पर लौटाने की सुविधा दी जा रही है.
10 रुपये अतिरिक्त लिये जा रहे
तीर्थयात्री अपनी ओर से लापरवाही न बरतें, इसके लिए केदारघाटी में सभी दुकानों पर बिकनेवाले सामानों के प्लास्टिक के पैकेट और बोतलों पर खास QR Code लगाये जा रहे हैं और उनसे 10 रुपये अतिरिक्त लिये जा रहे हैं. बोतलें औऱ पैकेट लौटाने पर उन्हें पैसे वापस दे दिए जा रहे हैं.
एक हजार से अधिक दुकानों में ये व्यवस्था की गई
गुप्तकाशी से केदारनाथ तक 41 किलोमीटर सड़क मार्ग और पैदल मार्ग पर एक हजार से अधिक दुकानों में बिकनेवाले सामानों के पैकेट पर QR Code लगाने की व्यवस्था की गई है, ताकि यात्री उन्हें आसानी से कलेक्शन सेंटर पर लौटा सकें. बाद में इन समानों को रिसाइकिल कर दिया जाएगा. तीर्थयात्रियों को भी यह व्यवस्था पसंद आ रही है. कुछ लोगों का कहना है कि दूसरी जगहों पर भी ऐसे ही इंतजाम होने चाहिए ताकि लोग प्लास्टिक से प्रदूषण फैलाने की आदत से बाज आएं.
तीर्थयात्रियों ने कहा कि पर्यावरण को प्लास्टिक से कितना ज्यादा खतरा है, इससे तो सभी वाकिफ हैं, लेकिन, न तो प्लास्टिक का इस्तेमाल रुक रहा है औऱ ना ही आम लोग उपयोग के बाद इसे कूड़ेदान में फेंकने की आदत डालते हैं. ऐसे में केदारधाम को प्लास्टिक प्रदूषण से बचाने की प्रशासन की ये कोशिश रंग लाई तो निश्चित रूप से यहां के माहौल में बदलाव आएगा और यहां की आबोहवा सुरक्षित रहेगी.