Project Cheetah: जानें क्या है प्रोजेक्ट चीता जिसके तहत भारत लाए जा रहे हैं 12 चीते

Project Cheetah: प्रोजेक्ट चीता के दूसरे चरण में 12 चीते भारत लाए जा रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत एक महीने तक इन 12 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में क्वारंटाइन में रहना होगा. 

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 16 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 4:14 PM IST
  • अगले 10 साल तक हिंदुस्तान को दिए जाएंगे चीते
  • चीतों का रखा जाता है खूब ख्याल 

प्रोजेक्ट चीता के तहत जल्द ही मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 12 और चीते नजर आने वाले हैं. इन चीतों को साउथ अफ्रीका से लाने के लिए गुरुवार को भारतीय वायुसेना का विमान उड़ान भर चुका है. ये 18 फरवरी को सुबह 10 ग्वालियर एयरपोर्ट पर लैंड करेगा. इन चीतों के साथ वेटरनरी डॉक्टर और चीता एक्सपर्ट डॉक्टर लारेल भी विशेष विमान के साथ आ रही हैं. अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत एक महीने तक इन 12 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में क्वारंटाइन में रहना होगा. 

बताते चलें इससे पहले पिछले साल नामीबिया से 8 चीते कूनो नेशनल पार्क में लाए गए थे. जिसमें तीन नर और पांच मादा थे. यानी इन 12 अफ्रीकी चीतों के आने के बाद कूनो में कुल चीतों की संख्या 20 हो जाएगी.

क्या है प्रोजेक्ट चीता?

दरअसल, इसी साल सितंबर महीने में भारत 8 चीते लाए गए थे. मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 5 मादाएं और 3 नर चीते आज अच्छी तरह से रच बस गए हैं. वहां वो अपने अंदाज में शिकार भी कर रहे हैं. यही वजह है कि अफ्रीका से जल्द ही 12 से 14 और चीते भारत लाए जा रहे हैं. केंद्र सरकार की तरफ से ने संसद की कार्यवाही के दौरान राज्यसभा में अहम जानकारी दी गई. अगले पांच सालों में 12 से लेकर 14 चीतों को लाने के लिए नामीबिया की सरकार के साथ एक समझौता भी किया गया है. 'प्रोजेक्ट टाइगर' के तहत भारत में चीतों की दोबारा वापसी के लिए केंद्र सरकार की तरफ से 38.7 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. चीतों से जुड़ी ये परियोजना फिलहाल साल 2026 तक चलेगी. जिसमें और चीतों का भारत आने का रास्ता खुलेगा. 

अगले 10 साल तक हिंदुस्तान को दिए जाएंगे चीते 

इतना ही नहीं अब प्रोजेक्ट चीता के दूसरे चरण के तहत 12 चीते लाने की तैयारी है. 17 तारीख की रात 8:00 बजे दक्षिण अफ्रीका से विशेष विमान रवाना होगा और 18 फरवरी को सुबह 10:00 बजे ये विमान ग्वालियर एयरपोर्ट पर लैंड करेगा. कस्टम प्रक्रिया पूरी करने के बाद Mi 17 हेलीकॉप्टर के जरिए एयरफोर्स के विशेष विमान उन्हें कूनो नेशनल पार्क ले जाएंगे. MoU के तहत दक्षिण अफ्रीका से हर साल 10 से 12 चीते अगले 10 सालों तक हिंदुस्तान को दिए जाएंगे. 

चीतों का रखा जाता है खूब ख्याल 

बता दें, जिन चीतों को पहले लाया गया था उनकी रेडियो कॉलर, सेटेलाइट, हाई मास्क कैमरा और ट्रैप कैमरख के जरिए निगरानी होती है. डॉग स्क्वाड भी इलाके में नजर रखते हैं. चीता मित्रों का गठन किया गया है और उनके इलाज के लिए विशेष अस्पताल शुरू किया गया है. 

अब प्रोजेक्ट चीता के दूसरे चरण के तहत रक्षा मंत्रालय की ओर से एयर फोर्स ने इस पूरी सेवा के लिए पर्यावरण मंत्रालय से किसी भी तरह की फीस नहीं ली है और निशुल्क सेवा प्रदान की है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव कूनो नेशनल पार्क में चीतों का स्वागत करने के लिए मौजूद रहेंगे. फिलहाल प्राथमिकता है इनको सही जगह से रीलोकेट किया जाए उसके बाद पर्यटकों के लिए खोला जाएगा. कई सारे चीते फिलहाल प्रजनन की स्थिति में है और जैसे ही ब्रीडिंग होगी और प्राकृतिक तरीके से जब वह नई पीढ़ी पैदा होने के बाद सफाई करती है तब हम मान सकते हैं कि प्रोजेक्ट चीता सफल रहा. 


 

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