कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कर्नाटक की सियासत को लेकर एक ऐसा किस्सा सुनाया, जिसमें उनका मुख्यमंत्री नहीं बनने का दर्द झलक रहा था. खड़गे ने बताया कि साल 1999 में उन्होंने खूब मेहनत की थी और पार्टी को जीत दिलाया था. लेकिन जब मुख्यमंत्री बनने की बारी आई तो पार्टी ने किसी और को मौका दे दिया. मल्लिकार्जुन खड़गे ने उस चुनावा का ये पूरा किस्सा सुनाया.
सब मेहनत बेकार गई- खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने साल 1999 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर एक किस्सा सुनाया. उन्होंने खुद को मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने की कहानी सुनाई. खड़गे विजयपुरा में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, उस दौरान उन्होंने कहा कि मैं सीएलपी बना, कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए जी-जान से मेहनत की. हमारी सरकार भी बनी. लेकिन एसएम कृष्णा मुख्यमंत्री बन गए, जो उस समय सिर्फ 4 महीने पहले ही कांग्रेस में आए थे.
खड़गे ने कहा कि हमारी सारी मेहनत बेकार चली गई. मैंने 5 साल तक लगातार मेहनत की और वो सिर्फ 4 महीने पहले आए और मुख्यमंत्री बन गए. खड़गे ने कहा कि ऐसा पहले भी कई बार हुआ है, लेकिन इन सभी के बारे में एक साथ बात करना उचित नहीं होगा.
साल 1999 कांग्रेस का कैसा था प्रदर्शन-
साल 1999 में कर्नाटक में विधानसभा चुनाव हुए थे. उस चुनाव में कांग्रेस को 224 सीटों में से 132 सीटों पर जीत मिली थी. खड़गे ने उसकी विधानसभा चुनाव को लेकर अपना दर्द साझा किया. खड़गे उस सरकार में मंत्री रहे. इसके बाद साल 2009 में खड़गे लोकसभा में जीत हासिल की थी और केंद्र में मंत्री बनाए गए थे.
कांग्रेस अध्यक्ष हैं खड़गे-
मल्लिकार्जुन खड़गे साल 2022 में कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए थे. उन्होंने इस चुनाव में शशि थरूर को हराया था. खड़गे को इस चुनाव में 7987 वोट मिले थे, जबकि थरूर को 1072 वोट मिले थे. खड़गे पिछले 24 साल में पहले गैर-गांधी अध्यक्ष बने. साल 2024 में लोकसभा चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुवाई में कांग्रे ने 99 सीटों पर जीत हासिल की थी. जबकि साल 2019 में 50 सीटों पर जीत हासिल की थी.
ये भी पढ़ें: