किसान का बेटा ब्रिटेन में बना मेयर, पढ़ने के लिए गए थे लंदन, नौकरी लगी.. आज मेयर बनकर गांव का नाम किया रोशन

मिर्ज़ापुर के भटेवरा गांव के रहने वाले राजकुमार मिश्रा ने लंदन में अपनी मेहनत और लगन से एक नई पहचान बनाई है. पांच साल पहले जब उन्होंने एमटेक की पढ़ाई के लिए लंदन जाने का फैसला लिया था, तब शायद किसी ने भी ये नहीं सोचा होगा कि एक दिन वे वहां काउंसलर और मेयर के पद तक पहुंचेंगे.

राजकुमार मिश्रा
gnttv.com
  • मिर्ज़ापुर,
  • 16 मई 2025,
  • अपडेटेड 4:00 PM IST
  • एमटेक के लिए लंदन गए थे
  • आज मेयर बनकर गांव का नाम किया रोशन

मिर्ज़ापुर के भटेवरा गांव के रहने वाले राजकुमार मिश्रा ने लंदन में अपनी मेहनत और लगन से एक नई पहचान बनाई है. पांच साल पहले जब उन्होंने एमटेक की पढ़ाई के लिए लंदन जाने का फैसला लिया था, तब शायद किसी ने भी ये नहीं सोचा होगा कि एक दिन वे वहां काउंसलर और मेयर के पद तक पहुंचेंगे.

एमटेक के लिए लंदन गए थे
राजकुमार मिश्रा चंडीगढ़ से बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद कम्प्यूटर साइंस में एमटेक करने के लिए लंदन गए थे. मेहनत और लगन के दम पर उन्हें वहीं नौकरी मिल गई. हालांकि, यह केवल एक करियर की शुरुआत नहीं थी, बल्कि यह उनके जीवन का एक नया मोड़ था.

पढ़ाई के बाद लंदन में ही लग गई नौकरी
उनके मन में राजनीति के प्रति एक गहरी रुचि थी, और इसी कारण उन्होंने ब्रिटेन की नागरिकता लेने का फैसला लिया. दो महीने पहले उन्होंने लेबर पार्टी में शामिल होकर चुनावी राजनीति में कदम रखा. 3 अप्रैल को वे काउंसलर चुने गए और इसके बाद 12 अप्रैल को बेलिगबौरी शहर में मेयर के पद के लिए चुने गए. यह उनके और उनके परिवार के लिए एक बड़ी सफलता है. जीत के बाद उन्होंने लंदन से एक वीडियो जारी कर अपनी जीत की जानकारी दी.

किसान के बेटे हैं राजकुमार
राजकुमार मिश्रा के घर पर खुशी का माहौल है. उनके परिजनों का कहना है कि वे किसान मुन्ना लाल मिश्रा के बेटे हैं और नौ भाई-बहनों में वे छठे नंबर पर हैं. उनके परिवार का मानना है कि इस सफलता में उनके परिवार की और उनके माता-पिता का बड़ा हाथ है.

पूरे गांव का नाम हुआ रोशन
राजकुमार की शादी प्रतापगढ़ की रहने वाली अभिषेकता मिश्रा से हुई है, जो खुद एक इंजीनियर हैं. शादी के बाद उनका परिवार लंदन में ही स्थायी रूप से बस गया है और अब उनके दो बच्चे भी हैं. उनका यह सफर प्रेरणा देने वाला है. इस सफलता से न केवल उनके परिवार का नाम रोशन हुआ है, बल्कि भटेवरा गांव का भी नाम पूरी दुनिया में फैल गया है. राजकुमार मिश्रा की सफलता उनके गांव और क्षेत्र के युवाओं के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है.

-सुरेश कुमार सिंह की रिपोर्ट

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