M.Tech तक पढ़ाई की, फिर जुए की लत में गवाएं 23 लाख, कर्ज चुकाने के लिए चोरी करने लगा IT इंजीनियर

नौकरी के दौरान छत्रपती नगर में रहने वाले आशीष, वहां के महंगे घरों की जानकारी रखता था. जुए में हार के कारण उसने चोरी को रास्ता बना लिया. जुए की इस खतरनाक लत ने न केवल उसकी जेब खाली कर दी, बल्कि उसके जीवन को जेल की सलाखों तक पहुंचा दिया.

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gnttv.com
  • नागपुर,
  • 18 जून 2025,
  • अपडेटेड 2:57 PM IST
  • जुए की लत में गवाएं 23 लाख रुपये
  • बस से करता था खाली घरों की रेकी

नागपुर के धनतेली थाना क्षेत्र में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है. आशीष रेडीमल्ला नाम के युवक पर चोरी का इल्जाम है. ये युवक कोई ऐसा वैसा नहीं बल्कि इंजीनियर है. उसने एम.टेक तक पढ़ाई की है और पुणे व नागपुर की कई IT कंपनियों में नौकरी भी की है. लेकिन आज चोरी के आरोप में पुलिस के शिकंजे में है.

जुए की लत में गवाएं 23 लाख रुपये
नौकरी के दौरान छत्रपती नगर में रहने वाले आशीष, वहां के महंगे घरों की जानकारी रखता था. जुए में हार के कारण उसने चोरी को रास्ता बना लिया. जुए की इस खतरनाक लत ने न केवल उसकी जेब खाली कर दी, बल्कि उसके जीवन को जेल की सलाखों तक पहुंचा दिया.

बस से करता था खाली घरों की रेकी
धंतोली थाना क्षेत्र में शीतल चिंतलवार के घर हुई चोरी की शिकायत मिलने पर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपी का स्केच बनाया. फिर खूफिया जांच के जरिए पता चला कि आरोपी चंद्रपुर का रहने वाला आशीष रेडीमल्ला है. पूछताछ में उसने नागपुर के कई थाना क्षेत्रों में चोरी की बात स्वीकार की है. आशीष ने अब तक पांच घरों में चोरी की वारदात को अंजाम दिया है. वो बस से खाली घरों की रेकी करता था.

कैसे था चोरी का मास्टर प्लान?
आशीष ने शहर के शातिर चोर की तरह काम किया. उसने खासतौर पर छत्रपती नगर के आलीशान घरों को निशाना बनाया क्योंकि वो वहीं रहता था और उसे घरों की जानकारी पहले से थी. बड़े बंगले खाली देखकर वह चोरी की योजना बनाता और फिर आसानी से चोरी को अंजाम देता था. यह उसका अपराध का ठिकाना बन गया था, पर आखिरकार पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है.

आशीष से की जा रही पूछताछ
फिलहाल आशीष पुलिस हिरासत में है और उससे पूछताछ की जा रही है. पुलिस का कहना है कि इस तरह के मामले समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी हैं. पढ़ाई और नौकरी होने के बावजूद गलत रास्ते पर चलने वालों के लिए कहीं न कहीं समाज की जिम्मेदारी भी बनती है कि वे सही दिशा दिखाएं. जुए जैसी लत ने न केवल उसकी जेब को खाली किया बल्कि उसने अपने भविष्य को भी खतरे में डाल दिया.

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