बिहार के नवादा शहर के आलोक रंजन ने संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विसेज परीक्षा में 346वीं रैंक हासिल कर देश का मान बढ़ाया है. आलोक नवादा जिले के रोह प्रखंड के गोरीहारी गांव के रहने वाले हैं. देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा में आलोक ने परचम लहराया है. आलोक की इस सफलता से न सिर्फ उसके शिक्षक और माता-पिता बल्कि घर परिवार और जिले के लोग भी काफी खुश हैं. आलोक के पिता नरेश प्रसाद यादव अकबरपुर प्रखंड के मध्य विद्यालय नवाबगंज और मां सुशीला देवी रोह प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय कनौलिया में शिक्षक हैं.
आलोक के पिता नरेश प्रसाद यादव ने कहा कि हमने शुरू में ही ठान लिया था. माली हालत कमजोर होने के बाद भी सोच लिया था कि अपनी किसी भी एक संतान को यूपीएससी की तैयारी जरूर करवाएंगे. बगल में बैठी पत्नी सुशीला देवी की ओर इशारा करते हुए नरेश यादव ने कहा, 'इसने भी खूब तकलीफें उठाईं. हम दोनों शिक्षक हैं. जानते हैं कि सही परवरिश से कुछ भी मुमकिन है. इसलिए इस पढ़ाई के रास्ते में पैसे की बाधा को हर हाल में लांघते गए. जितना बन पड़ा सब करते चले गए.'
अपनी पुश्तैनी जमीन का एक बड़ा हिस्सा बेच दिया. लेकिन उससे आए पैसे का इस्तेमाल घर बनवाने में नहीं किया, बल्कि बेटे के करियर में लगा दिया. बाद में पैसे की फिर तंगी हुई तो नवादा की एक कीमती जमीन बेची. उससे आए पैसे भी बेटे की पढ़ाई में खर्चे. आप समझ सकते हैं कि यह पूरे परिवार का त्याग है और इसी का नतीजा है कि आज पूरा गांव खुश है.
(प्रतीक भान सिंह की रिपोर्ट )